2012 के बाद से रात्रि पाली भत्तों का रिवाइज न होना मानवीय मूल्यों का पतन का एक मजबूत उदाहरण है। फिर भी हम इस्पात श्रमिकों को अपना काम सबसे प्यारा है, क्योंकि हम देश के लिए हर एक काम करते हैं…।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों की मुराद है कि उनके भत्तों का रिवाइज किया जाए। 39 माह के बकाया एरियर समेत कई मांगों में भत्तों को भी रिवाइज करने की वकालत की जा रही है। देश की अन्य पीएसयू में प्रथम और दूसरी पाली में कर्मचारियों को विशेष भत्ता भी दिया जाता है, लेकिन सेल में इस तरह का कोई प्रावधान तक नहीं है।
सेल (SAIL) कर्मचारियों का कहना है कि जब पूरी दुनिया इस भीषण गर्मी में अपने घरों में दुबकी होती है। इतना ही नहीं सरकारों की तरफ से भी स्पष्ट निर्देश होते हैं कि Heat Wave चलने को हैं,सभी लोग अपने घरों में रहें…। ठीक उसी समय हम श्रमिक बंधु इस चिलचिलाती धूप में प्रथम पाली कर घर लौटने वाले होते हैं।
इस्पात वीरों का दुख को कौन समझेगा? ठीक उसी प्रकार भीषण गर्मी में द्वितीय पाली जाने को मजबूर इस्पात श्रमिकों को किस प्रकार से कष्ट सहन करना पड़ता ये बात पालियों में कार्यरत अपनी श्रम से देश सेवा के लिए इस्पात निर्माण में लगा है एक श्रमिक भली भांति जानता है। फिर भी वो अपने कार्यस्थल पर जा कर पुनः धधकती भट्ठियों के आसपास, इस्पात गलन शालाओं यानी स्टील मेल्टिंग शॉप, रोलिंग मिल की गर्मी में अपना पसीना बहाने में पीछे नहीं रहता, क्यूंकि वो हर एक काम देश के नाम, करना चाहता है।
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इतना ही नहीं 2012 के बाद से रात्रि पाली भत्तों का रिवाइज न होना मानवीय मूल्यों का पतन का एक मजबूत उदाहरण है। फिर भी हम इस्पात श्रमिकों को अपना काम सबसे प्यारा है, क्योंकि हम देश के लिए हर एक काम करते हैं…।
शरद ऋतु में प्रथम पाली जाने वाले,द्वितीय पाली से लौटने वाले,रात्रि पाली जाने वाले,रात्रि पाली खत्म कर पुनः अपने घर को लौटने वाले श्रमिकों को पीड़ा को इतने दिनों को नजरअंदाज करने वाले नेताओं आखिर कब आप लोगों को दिखेगी ये कठिनाई?
कर्मचारियों का कहना है कि ग्रीष्म ऋतु,शरद ऋतु तक ही ये कठिनाई नहीं है। ऐसा ही हाल बरसात का मौसम का भी है तो हम सभी को प्रथम पाली,द्वितीय पाली,रात्रि पाली में रिवाइज किया भत्ता क्यों नही मिलना चाहिए। तत्काल प्रभाव से लाभ मिलना चाहिए।