CGM के जरिए SAIL कर्मचारियों से कराता है उत्पादन लक्ष्य पूरा, अब सीजीएम की बारी चेयरमैन से दिलवाएं लाखों बकाया, CITU ने 30 एचओडी को घेरा

  • सेल (SAIL) के एनजेसीएस (NJCS) वेतन समझौते के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 22 अक्टूबर 2021 को सर्वसम्मति की बजाए बहुमत से मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग हस्ताक्षर करवाया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के लंबित मुद्दों को हल कराने के लिए सीटू ने नए सिरे से कवायद शुरू कर दी है। हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन सीटू (CITU) ने वेतन समझौते एवं अन्य लंबित मुद्दों के निराकरण के लिए अविलंब आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। इसको लेकर विभिन्न विभाग प्रमुखों के माध्यम से अध्यक्ष भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड नई दिल्ली को पत्र दिया।

सेल (SAIL) के एनजेसीएस (NJCS) वेतन समझौते के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 22 अक्टूबर 2021 को सर्वसम्मति की बजाए बहुमत से मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग हस्ताक्षर करवाया गया। हस्ताक्षर हुए मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग को भी आधे अधूरे तरीके से कर्मियों पर लागू किया गया। अभी भी मेमोरेंडम आफ एग्रीमेंट लंबित है।

पूर्व चेयरपर्सन ने पदभार ग्रहण करते समय 3 माह में वेतन समझौता से जुड़े सारे मुद्दे हल कर लेने की बात कही थी, जिससे कर्मियों में एक नई उम्मीद जगी थी, लेकिन अभी भी लंबित मुद्दों का कोई हल नहीं निकाला जा सका है। जो संयंत्र के हित में नहीं है।

उत्साह भरने के लिए जरूरी है लंबित मुद्दों का समाधान निकालना
सीटू जिन लंबित मुद्दों के निराकरण की बात कर रही है। दरअसल वे मुद्दे 1 जनवरी 2017 से लागू होने वाले वेतन समझौते के हैं, जिनका वक्त पर समाधान निकाल लिया गया होता तो अभी संयंत्र के कर्मी समझौता पश्चात बढ़ने वाले वेतन को पा रहे होते। किंतु प्रबंधन द्वारा जानबूझकर टालमटोल करने की नीति के कारण मुद्दे अभी भी लंबित है, जिसके कारण कर्मी निराश है।

स्थानीय प्रबंधन सेल चेयरमैन तक पहुंचाए कर्मियों की आवाज
सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद द्विवेदी का कहना है कि सेल प्रबंधन एवं संयंत्र के उच्च स्तर के अधिकारी मिलकर हर वर्ष संयंत्र का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य तय करते हैं, जिसे आधार पर संयंत्र के विभिन्न विभागों के कर्मचारी एवं स्थानीय अधिकारी उत्पादन का कार्य करते हैं।

ऐसे में जब उच्च प्रबंधन द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्थानीय प्रबंधन उत्पादन प्लान को कर्मियों तक पहुंचाता है, तो ऐसे में स्थानीय प्रबंधन की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह कर्मियों से जुड़े लंबित मुद्दों, समस्याओं एवं मांगों को उच्च प्रबंधन तक पहुंचाएं, ताकि कर्मियों से जुड़े मुद्दों का निराकरण किया जा सके।

यह है लंबित मुद्दे
1) 39 माह का एरियर्स का मुद्दा लंबित है।
2) 1 अप्रैल 2020 से पर्क्स का एरियर्स का मुद्दा लंबित है।
3) प्रबंधन द्वारा एक तरफा निर्णय लेकर थोपे गए नए ग्रेच्युटी फॉर्मूले को वापस लेने का मुद्दा लंबित है।
4) रात्रि पाली भत्ता का मुद्दा लंबित है।
5) हाउस रेंट एलाउंस का मुद्दा लंबित है ।
6) ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते का मुद्दा लंबित है।
7) ट्रांसफर किए गए कर्मियों को वापस लाने का मुद्दा लंबित है।
8) पदनाम का मुद्दा लंबित है।

इन विभागों के विभाग प्रमुखों को सौंपा गया पत्र
औद्योगिक संबंध विभाग, सिंटर प्लांट, ब्लास्ट फर्नेस, ओर हैंडलिंग प्लांट, आरसीएल, ट्रैफिक, स्टोर्स, रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल, मर्चेंट एंड वायर राड़ मिल, बार राड मिल, यूनिवर्सल रेल मिल, प्लेट मिल, कोक ओवन एवं कोल केमिकल डिपार्टमेंट, मैकेनिकल, शॉप्स, सुरक्षा एवं अग्निशमन, कार्मिक, मानव संसाधन विकास केंद्र, नगर सेवाएं विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, विद्युत, उपयोगिताएं, पावर फैसिलिटी, अग्निशमन विभाग, ऊर्जा प्रबंधन, रिफेक्ट्री इंजीनियरिंग विभाग, स्टील मेल्टिंग शॉप 2, स्टील मेल्टिंग शॉप 3, एम आर डी के विभाग प्रमुखों से मिलकर चेयरमैन सेल के लिए पत्र सौंपा गया।