एनजेसीएस के खिलाफ पत्राचार जारी। खामियां गिनाई जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) को लेकर एक बार फिर कमेंट कर दिया गया है। बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BSP Non-Administrative Employees Union) ने इस्पात सचिव को पुनः पत्र भेजकर एनजेसीएस की कार्यप्रणाली में सुधार कराने का मांग किया है।
यूनियन का कहना है कि एनजेसीएस (NJCS) में गैर निर्वाचित नेताओं की काफी अधिक संख्या होने के कारण, वर्तमान मे अधिकतर निर्णय कर्मचारियों के विरुद्ध हो रहे हैं। कर्मचारी विरोधी निर्णय तथा अधिकतर निर्णय में काफी विलंब होने के कारण कर्मचारियों को काफी अधिक आर्थिक, मानसिक तथा समाजिक नुकसान हो रहा है।
उदाहरण के तौर पर वेज रीविजन 2017 को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जबकि पूरी वेज रिवीजन प्रक्रिया भी काफी विवादास्पद तरीके से निपटाई गई है। वहीं, बोनस, रात्री पाली भत्ता तथा पे स्केल जैसे मुद्दे भी एनजेसीएस संविधान का विरुद्ध किए गए हैं।
बीएकेएस ने बताया एनजेसीएस में खामियां
1) NJCS को रजिस्टर्ड संस्था, कमेटी नहीं बनाना।
2) एनजेसीएस में 80% यूनियन नेता गैर निर्वाचित, एनजेसीएस में 25 यूनियन नेताओं में से 20 यूनियन नेता, गैर निर्वाचित हैं।
3) बगैर सदस्यता सत्यापन किए ही 5 यूनियनों के 15 नॉमिनेटेड लीडर्स को दिया गया स्थान।
4) एनजेसीएस में सेल की सभी यूनिट जैसे चासनाला कोलियरी, किरीबुरी माइंस, मेघाताबुरु माइंस, गुआ माइंस, सेल रिफैक्ट्री यूनिट, दल्ली, राजहरा माइंस, कोटेश्वर लाइम स्टोन माइंस, सेंट्रल मार्केटिंग ऑर्गेनाईजेशन, सेल कारपोरेट कार्यालय, सेल की रांची यूनिट कार्यालय से रिकॉगनाईज्ड यूनियनों को जगह नहीं है।
6) सेल की कई यूनिटों में वर्षों से मान्यता यूनियन का चुनाव नहीं होना तथा वर्षों से एक खास यूनियन के जैसे बोकारो, बर्नपुर, एएसपी दुर्गापुर, सीएफपी बर्नपुर मे इंटक से जुड़े यूनियनों तथा नेता को वर्षों से रिकॉगनाईज्ड यूनियन और नेता का लाभ देना।
7) सेल अधिकारी वर्ग के संगठन “सेफी” तथा कोल इंडिया की बाई पार्टी कमेटी “JBCCI ” के तुलना में काफी खराब लोकतांत्रिक स्थिति।
8) एनजेसीएस मीटिंग का कैलेण्डर नहीं होना तथा मीटिंग से पहले एजेंडा नहीं देना।
9) एनजेसीएस को सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में नहीं रखना।
10) एनजेसीएस में वेलफेयर, मानकीकरण कमेटी नहीं होना।
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यूनियन ने कहा-एनजेसीएस-सेल प्रबंधन के कर्मचारी विरोधी फैसले की सूची
1 . डीग्रेडेशन-2008 से मैनपावर कॉस्ट कटौती का शिकार बनाए गए डिप्लोमा शैक्षणिक योग्यता वाले कर्मचारियो को S6 ग्रेड की जगह S3 ग्रेड में नियुक्त किया जा रहा है। वहीं, आईटीआई शैक्षणिक योग्यता वाले कर्मचारियों को S3 ग्रेड की जगह S1 ग्रेड में नियुक्त किया जा रहा है।
इसके विपरित अधिकारी ग्रेड मे नियूक्ति ग्रेड को अपग्रेड कर प्रशिक्षण का बाद सीधे E2 ग्रेड मे नियुक्त किया जा रहा है।
2. वेज रीविजन में धांधली तथा देरी-प्रत्येक वेज रीविजन को पूरा करने के लिए 2-7 साल तक देरी किया जा रहा है। एरियर का ब्याज, भत्तों को लागू करने की तिथि में ही सेल प्रबंधन को हजारों करोड़ का फायदा दिलाया जा रहा है।
3. नॉन स्टैचुअरी सुविधाओं को बंद करना तथा रिवाइज्ड नहीं करना।
4 . मनमाने तरीके से पदनाम को लागू करना।
5. स्थानीय सुविधाओं को बेहतर नहीं करवाना।
6. पदनाम को महारत्ना कंपनियों के तर्ज पर लागू नहीं करवाना।
7. सेल प्रबंधन (SAIL Managament) द्वारा बोकारो, भिलाई तथा सेल कारपोरेट कार्यालय के कर्मचारियों पर किए गए दंडात्मक कारवाई को वापस नहीं करवाना।
एनजेसीएस में कुर्सी के लिए मारामारी
देश की संसद, राज्यों के विधानसभा, विधान परिषद, स्थानीय निकायों के अभी तक के सभी छोटे-बड़े प्रतिनिधि, निर्वाचित होते है। परंतु एनजेसीएस एक ऐसी संस्था है, जिसके प्रतिनिधि 94,90,72 साल तक के हैं तथा आश्चर्यजनक रूप से कई प्रतिनिधि एक दशक से अपने पद पर हैं। एक प्रतिनिधि तो अपने पुत्र को भी एनजेसीएस में प्रतिनिधि बना दिए है।
अभिषेक सिंह, महासचिव, बीएकेएस भिलाई
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