श्रमिकों को रात्रि पाली अनुमति पत्र में काफी कागज का उपयोग होता है। इसलिए सभी श्रमिकों के गेट पास बनते समय ही उसमें रात्रि पाली अनुमति प्रदान किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक भिलाई के सदस्यता अभियान के तहत कोक ओवन एवं ब्लास्ट फर्नेस के श्रमिकों ने यूनियन ऑफिस आ कर सदस्यता ग्रहण की।
ब्लास्ट फर्नेस एवं कोक ओवन के श्रमिकों ने अध्यक्ष संजय साहू से कहा कि हम लोग ब्लास्ट फर्नेस एवं कोक ओवन में बहुत ही गर्म जगह, गैस और डस्ट जैसे माहौल में पर मरम्मत एवं प्रचालन का कार्य करते हैं। लेकिन वहां पर गैस एवं हिट अलाउंस के तहत अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाता।
निर्धारित पूर्ण वास्तविक वेतन भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि सभी महत्वपूर्ण कार्य ठेका श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है। हम लोग कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं, लेकिन ठेका कंपनी बदलने पर नई ठेका कंपनी अपने साथ बाहर से श्रमिक लेकर आती है और जो पुराने कार्य कर रहे श्रमिकों को काम से बाहर निकाल देती है, जिससे उनका जीवन यापन का संकट खड़ा हो जाता है।
श्रमिकों ने मांग कि ठेका कंपनी बदले लेकिन ठेका श्रमिक वही रहना चाहिए, जिससे उनके अनुभव एवं दक्षता का पूरा उपयोग संयंत्र को मिले, जिससे दुर्घटना में कमी आएगी और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।
ठेका श्रमिकों को सभी गेट में आने-जाने की सुविधा प्रदान किया जाए
भिलाई इस्पात संयंत्र में अधिकांश ठेका श्रमिक जोरा तराई गेट से आते हैं। श्रमिकों ने चर्चा में बताया कि उनको किसी भी काम से भिलाई इस्पात संयंत्र के आईआर विभाग या ईएसआईसी कार्यालय या मेडिकल के लिए अस्पताल जाने के लिए बोरिया गेट से आने जाने की आवश्यकता पड़ती है। गेट पास में सिर्फ जोरा तराई गेट की अनुमति होने से उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
बड़ी विनती के बाद सीआईएसएफ के द्वारा जाने दिया जाता है, जबकि गेट पास बनते समय पूरी जांच के पश्चात गेटपास बनाया जाता है। इसलिए ठेका श्रमिकों को भी सभी गेट में आने जाने की अनुमति दी जाए। अध्यक्ष संजय साहू ने आश्वस्त किया कि इस विषय पर बीएसपी प्रबंधन एवं सी आई एस एफ के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी एवं निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
ठेका श्रमिकों को रात्रि पाली की अनुमति गेट पास में ही दिया जाए
बीएसपी के उत्पादन एवं रखरखाव में तीनों पाली में कार्य करने वाले श्रमिकों को रात्रि पाली अनुमति के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अधिकांश रात्रि पाली अनुमति उसी दिन ही दिया जाता है और प्रक्रिया में देरी होने के कारण रात को ही सीआईएसएफ से मिलता है, जिसके कारण श्रमिकों तक पहुंचने में काफी समय लगता है।
सभी श्रमिकों को रात्रि पाली अनुमति पत्र नहीं मिल पाता और वह गैर हाजिर मान लिया जाता है। साथ ही साथ सभी श्रमिकों को रात्रि पाली अनुमति पत्र में काफी कागज का उपयोग होता है। इसलिए सभी श्रमिकों के गेट पास बनते समय ही उसमें रात्रि पाली अनुमति प्रदान किया जाए।
यूनियन पदाधिकारियों की बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, मनोहर लाल, आर दिनेश, विपिन बिहारी मिश्रा, सुरेश कुमार, प्रकाश महाले, संतोष जाधव, दामन लाल, जयकुमार, इंद्रमणि नारायण, नवीन शर्मा एवं अन्य कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।