- बीएसपी अधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस ने एनजेसीएस की कार्यप्रणाली, सदस्यों के चयन का तरीका बदलने तथा एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेंडर बनाने के लिए इस्पात मंत्री को पत्र लिखा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी अधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस (B.A.K.S.) ने एनजेसीएस की कार्यप्रणाली, सदस्यों के चयन का तरीका बदलने तथा एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेंडर बनाने के लिए इस्पात मंत्री को पत्र लिखा है। छह पन्नों के पत्र में एनजेसीएस में व्याप्त खामियों, खामियों के कारण कर्मचारियों को हुए अभी तक के सभी नुकसानों का ब्यौरा तथा नियमों की अनदेखी का भी जिक्र किया गया है।
पत्र में एनजेसीएस मे सुधार के लिए ये की है मांग
- एनजेसीएस में सेल(SAIL) की प्रत्येक यूनिट से सिर्फ निर्वाचित यूनियन तथा उसके प्रतिनिधियो का चयन हो।
- नॉमिनेशन के तहत प्रतिनिधित्व देने का रिवाज बंद किया जाए।
- प्रत्येक यूनिट से निर्वाचित यूनियनों के निर्वाचित दो प्रतिनिधि अध्यक्ष तथा महासचिव ही एनजेसीएस में गैर कार्यपालक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करें।
- एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेंडर प्रत्येक साल मार्च अंत मे जारी किया जाए,जिसमे कम से कम प्रत्येक तीमाही वित्तीय परिणाम के बाद फुल एनजेसीएस की मीटिंग हो।
- अभी तक एनजेसीएस मीटिंग सेल प्रबंधन की इच्छा पर बुलाई जाती है। कई बार एनजेसीएस यूनियनें मीटिंग बुलाने हेतु निदेशक कार्मिक/सीएमडी को पत्र भी लिखती है, परंतु वहां भी प्रबंधन की इच्छा पर मीटिंग बुलाई जाती है।
- एनजेसीएस मीटिंग में लिए गए निर्णयों का समयबद्ध पालन हो तथा उसकी एक कॉपी इस्पात मंत्रालय तथा मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) को भेजी जाए।
- एनजेसीएस मीटिंग का एजेंडा यूनियन और मैनेजमेंट दोनों पक्ष मिलकर तय करें तथा एजेंडा को हमेशा मीटिंग के एक सप्ताह पहले यूनियन प्रतिनिधियों को भेज दिया जाए, ताकि यूनियन प्रतिनिधि एजेंडा के हिसाब से डाटा संकलन कर मीटिंग में आएं।
- जब सेल तथा RINL के सभी यूनिटों में कंपनी निवास है, जिसमे ठहरने, खाने पीने, मीटिंग करने का पर्याप्त उपाय है, तो कंपनी के पैसों पर दिल्ली के होटलों तथा सशुल्क सरकारी आयोजन स्थलों का उपयोग कर कंपनी/सरकारी पैसों का दुरुपयोग रोका जाए।
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- अभी तक की एनजेसीएस मीटिंग में कई करोड़ रुपया खर्च हो चुका है। अगर यही मीटिंग भिलाई, बोकारो, बर्नपुर, दुर्गापुर, राउरकेला, विशाखापत्तनम में होती तो घरेलु माहौल में मीटिंग करने पर कर्मचारी हित में जल्द फैसला होता। इससे कई नेताओं, अधिकारियों को आवागमन भी नहीं करना पड़ता, जिससे उनके टीए-डीए पर अनावश्यक खर्च नहीं होता, जबकि मीटिंग में मुश्किल से दोनों पक्षों के 45-50 सदस्य ही शामिल होते हैं।
- खुद सेल तथा उसके यूनिट अपने स्थानीय यूनिटों में बड़े ग्राहक सम्मेलन, संसदीय कमेटी के सदस्यों के साथ मीटिंग तथा अन्य बड़े-बड़े सम्मेलन आयोजित कर चुके हैं तथा करते हैं।
- सेल की यूनिटों में ठेका श्रमिकों की संख्या कर्मचारियों से अधिक हो गई है (एनेक्चर -4) अतः ठेका श्रमिक का वेज बोर्ड हेतु अलग कमेटी बनाई जाए, ताकि नियमित कर्मचारियों के लिए सिर्फ NJCS हो तथा ठेका श्रमिको के लिए अलग वेज बोर्ड हो,जिससे दोनों श्रमिक वर्ग के हितों का निपटारा जल्द हो।
आरटीआई के दायरे में एनजेसीएस को लाया जाए
एनजेसीएस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारियों के हितों के लिए बनाई गई है तथा इसके मीटिंग तथा दूसरों अन्य कार्यक्रमों में हो रहे खर्चों हेतु आधी भागीदार सेल प्रबंधन भी है। अतः सार्वजनिक राशि के खर्च का ब्यौरा, एनजेसीएस समझौते की कॉपी, एनजेसीएस संविधान, नियमों की जानकारी पर देश के सभी नागरिकों का हक है। अतः एनजेसीएस को सूचना का अधिकार के दायरे में लाया जाए।
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जानिए यूनियन नेता क्या बोले
एनजेसीएस के 25 प्रतिनिधियों में से गुप्त निर्वाचन प्रणाली के माध्यम मात्र पांच सदस्य निर्वाचित हैं। शेष सभी प्रतिनिधि का चयन मे सेल कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं है, जिसके कारण सेल कर्मचारियों की समस्याएं सुलझने के बदले और बढ़ती जा रही है।
-अमर सिंह, अध्यक्ष
वर्तमान सभी नेता न तो एनजेसीएस मीटिंग बुलाने के लिए वार्षिक कैलेंडर तक नहीं बनवा पा रहे है, जबकि सेल प्रबंधन बोर्ड मीटिंग लगभग प्रत्येक माह करती है। एनजेसीएस मीटिंग का कैलेंडर लागू करने से कई मुद्दों का निवारण तय समय पर संभव हो सकेगा। वहीं, गैर निर्वाचित नेताओं को एनजेसीएस में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
-अभिषेक सिंह, महासचिव