सेक्टर 9 हॉस्पिटल: कानून बदलता जा रहा, नहीं बदला भिलाई स्टील प्लांट, प्रमोशन के लिए तरस रहे मेडिकल कर्मचारी

Sector 9 Hospital: Law is changing, Bhilai Steel Plant has not changed, medical employees yearning for promotion
पुराने फार्मूले पर कर्मचारी बैठे हुए हैं। संविधान में भी संशोधन हो जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र का रूल्सपुराने नियमों के अनुसार चल रहा है।
  • वर्तमान में फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट में जूनियर से फार्मासिस्ट, हेड फार्मासिस्ट का पोस्ट दिया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel plant) के मेडिकल कर्मचारियों का देखड़ा कम नहीं हो रहा है। परेशान बढ़ती जा रही है। आर्थिक नुकसान से सामना हो रहा है। प्रमोशन के नाम पर फरेब हो रहा है।

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यह मामला डेजिग्नेशन चेंज का है। सन 2008 में लैब, फिजियोथैरेपी एक्सरे, ऑडियोमेट्री के 40 से 45 कर्मचारी भिलाई स्टील प्लांट के मेडिकल में ज्वाइन किए थे। इससे पहले 2007 दिसंबर में, 2006 में लैब में एक्स-रे, फार्मेसी में भी लोगों ने ज्वाइन किया था। लेकिन दुर्भाग्य 2008 के बैच वालों से शुरू हुआ कि उनके जूनियर एमटी, जो डेजिग्नेशन है।

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वह अब तक यह चेंज नहीं हो पाया। वर्तमान में फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट में जूनियर से फार्मासिस्ट, हेड फार्मासिस्ट का पोस्ट दिया गया। 2020 में सिर्फ दो लोगों को जूनियर एमटी से एमटी के लाया गया और फिर 4 साल बाद 2024 में दो लोगों को जूनियर एमटी से एमटी किया गया। पूरे 16 से 17 साल नौकरी करने के बाद भी अब तक लोगों का डेजिग्नेशन जूनियर एमटी से एमटी नहीं किया गया है।

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भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में 25 वर्ष काम करने के बाद लोगों को स्टील बर्तन का सेट मिल जाता है। लेकिन इन कर्मचारियों का अब तक डेजिग्नेशन चेंज नहीं हुआ। वह पुरानी पॉलिसी, पुराने फार्मूले पर बैठे हुए हैं। जब तक कोई कोटा नहीं आएगा, तब तक कोई फायदा नहीं होगा।

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पुराने फार्मूले पर कर्मचारी बैठे हुए हैं। संविधान में भी संशोधन हो जाता है। धारा 15 A भी खत्म किया गया, लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र का रूल्स है, वह पुराने नियमों के अनुसार चल रहा है। उसमें भी अमेंडमेंट होना चाहिए,। अमेंडमेंट होने से कुछ लोगों को तब जूनियर एमटी से एमटी का लाभ मिल पाएगा। नहीं तो कर्मचारी रिटायरमेंट तक ऐसे ही जूनियर एमटी में ही रह जाएंगे।

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सन 2020 में लैब से दो लोग दिनेश कुमार और वैक्सीनेटर से अरूणिका रामटेक को जूनियर एमटी से एमटी दिया गया। वर्ष 2024 में अजय आर्य और असित ग्राहम को जूनियर एमटी से एमटी दिया गया और 2024 में ही फार्मेसी में कुछ लोगों को सीनियर फार्मासिस्ट और हेड फार्मासिस्ट का पोस्ट दिया गया। दुर्भाग्य बाकी लोगों का है, जो रिटायरमेंट तक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जूनियर एमटी से एमटी हो जाएंगे।

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कर्मचारियों ने बताया लोगों को एस-3 ग्रेड में ज्वाइन कराया गया, उससे पहले एस-6 ग्रेड में लिया जाता था। इसके लिए भी उन्होंने संशोधन किया। नई वैकेंसी आ नहीं रही हैं। कोटा फिल नहीं हो रहा है, तो हम लोग कैसे और कब जूनियर एमटी से एमटी हो पाएंगे। इसके लिए भी संशोधन करके सीनियर एमटी का पोस्ट देना चाहिए, नहीं तो लोग जूनियर एमटी में ही रिटायर हो जाएंगे।

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