इस्पात मंत्री, SAIL प्रबंधन कर्मचारियों को कर रहा गुमराह, NJCS महज दिखावटी, चेयरमैन-डायरेक्टर पर केस क्यों नहीं…

Steel Minister, SAIL management is misleading the employees, NJCS is just a show, why is there no case against the Chairman-Director…
  • बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ और राउरकेला अनाधिशासी संघ ने एक बार फिर नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस पर भड़ास निकाला है।
  • कर्मियों पर सेल प्रबंधन द्वारा की गई कारवाई के विरुद्ध, चेयरमैन, डायरेक्टर के विरुद्ध अनफेयर लेबर प्रैक्टिस का केस क्यों नही किया गया?

सूचनाजी न्यूज, बोकारो/राउरकेला। सेल कर्मचारियों के मुद्दे पर केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के यहां बैठक विफल होने पर कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है। एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट और पर्क्स एरियर की मांग पर सीटू ने साइन करने से इन्कार कर दिया। सेल प्रबंधन इससे गुस्साकर बैकफुट पर आ गया।
मौजूदा घटनाक्रम पर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ और राउरकेला अनाधिशासी संघ ने एक बार फिर नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस पर भड़ास निकाला है। यूनियन का कहना है कि सेल प्रबंधन तथा एनजेसीएस यूनियनों का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।
यूनियन ने बताया कि एनजेसीएस नेताओं तथा सेल प्रबंधन द्वारा सोची-समझी योजना के तहत कर्मचारियों को धोखा दिया जा रहा है। गौरतलब है कि  21-22 अक्टूबर 2021 को वेज रीविजन का विवादास्पद एमओयू किया गया था, उसके बाद आज तक एमओए नहीं किया गया है।
इस्पात मंत्री तथा सेल प्रबंधन द्वारा अलग-अलग फोरम पर अलग-अलग गुमराह करने वाला जवाब देकर कर्मचारियों को भरमाया गया। एनजेसीएस यूनियनों ने केवल दिखावटी प्रदर्शन कर कर्मियो के भरोसे को तोड़ा।

अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने इस्पात मंत्रालय-सेल प्रबंधन की नियत पर उठाया सवाल
1. एनजेसीएस संविधान में मौजूद “आम सहमति” की जगह बहुमत के आधार पर एमओयू कैसे लागू किया गया?
2. सेल अधिकारियों को किस नियम के आधार पर 15% एमजीबी दिया गया?  उसी आधार पर सेल कर्मियों को लाभ क्यों नहीं दिया गया?
3. सेल अधिकारियों को किस नियम के आधार पर 35 प्रतिशत पर्क्स का लाभ दिया गया? क्या उसी आधार पर सेल कर्मचारियों को 35% पर्क्स का लाभ नहीं मिलना चाहिए?
4. अधिकारियों को लिए अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक किस नियम से पर्क्स का एरियर दिया गया?  क्या सेल कर्मचारियों को पर्क्स का लाभ नहीं मिलना चाहिए?
5. महारत्ना कंपनी ओएनजीसी, इंडियन आयल, भारत पेट्रॉलियम, हिंदुस्तान पेट्रॉलियम, एनटीपीसी, पावरग्रिड, नवरत्न कंपनी  नालको, एनएमडीसी,  सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में कार्यरत कर्मियों को  किस आधार पर 15 प्रतिशत एमजीबी, 35 प्रतिशत पर्क्स तथा  फिटमेंट और पर्क्स के एरियर का लाभ दिया गया?
सेल में सिर्फ अधिकारी वर्ग को किस आधार पर दोनों का एरियर का लाभ दिया गया है। कर्मचारियों को किस आधार पर नहीं दिया जा रहा है?
6. सेल गैर कार्यपालक कर्मियो के सर्विस कंडिशन वाले दिसम्बर 2014 के इस्पात संसदीय कमेटी की रिपोर्ट को वेज रीविजन में क्यों नहीं लागू किया गया, जबकि सरकार ने संसदीय कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था?
7. एनजेसीएस में बगैर सदस्यता सत्यापन के ही पाँच यूनियनों को तीन तीन सीट किस आधार पर दिया जा रहा है?
8. एनजेसीएस में जब सेल तथा आरआईएनएल के यूनिटों से रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन लीडर जा ही रहे है तो पाँच यूनियनों को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट किस कानून के तहत दिया जा रहा है?
9. सेल की बोकारो, दुर्गापुर, बर्नपुर, एएसपी, चंद्रपुर में बगैर सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के ही एक खास यूनियन के खास नेताओं को रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन तथा लीडर का लाभ क्यों दिया जा रहा है?
10. एनजेसीएस की मीटिंग सेल मैनेजमेंट की मर्जी से ही क्यो बुलाई जाती है, जबकि सेल के डायरेक्टर प्रत्येक माह मीटिंग करते है? एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेण्डर क्यों नहीं जारी किया जा रहा है?
11. 90 कर्मचारियों वाले चंद्रपुर तथा 200 कर्मचारियों वाले वीआईएसएल को एनजेसीएस में प्रतिनिधित्व मिल सकता है तो 400-500 की संख्या वाले माइंस/कोलियरी तथा सीएमओ को स्थान कों नहीं दिया जा रहा है?
12. अवैध एमओयू में कहीं भी वेज रीविजन को ईफेक्ट करने वाली तिथि का जिक्र नहीं है। अर्थात नोशनली तथा एक्चुअल ईफेक्ट करने का जिक्र नहीं है। फिर भी इस्पात मंत्रालय ने कर्मियों के मामले में जारी सर्कुलर में उपरोक्त शब्दो को किस आधार पर जोड़ा?

एनजेसीएस यूनियनों की नियत पर भी उठा सवाल
1. सभी प्रमुख महारत्न, नवरत्न कंपनियों में जब कर्मचारियों को 15% एमजीबी तथा 35% पर्क्स का लाभ दिया गया तो सेल में क्या मजबुरी थी कि 13% एमजीबी तथा 26.5% पर्क्स पर समझौता किया? वहीं सेल अधिकारी वर्ग कैसे उपरोक्त लाभ ले लिए?
2. सभी महारत्न तथा नवरत्न पीएसयू में फिटमेंट के साथ-साथ पर्क्स का एरियर का सम्पुर्ण भुगतान एक ही बार में किया गया, लेकिन सेल में अभी तक क्यों नहीं हुआ है?
3. एनजेसीएस में 20 गैर निर्वाचित नेता किस हैसियत तथा श्रम कानून के आधार पर जाते है?
4. कर्मियों से दो-दो बार हड़ताल, प्रदर्शन कराने के बाद रिजल्ट कहाँ है?
5. मैनेजमेंट की गलत नीतियों के खिलाफ कोर्ट जाने से परहेज क्यों?
6. एनजेसीएस के बड़े नेता सहित सभी नेता, खुले तौर सेल की यूनिटो में धरना प्रदर्शन, बड़ा आंदोलनों में भाग क्यों नहीं लेते है?
7. कर्मियों पर सेल प्रबंधन द्वारा की गई कारवाई के विरुद्ध, चेयरमैन, डायरेक्टर के विरुद्ध अनफेयर लेबर प्रैक्टिस का केस क्यों नही किया गया?

एक यूनिट एक यूनियन की परिकल्पना
सेल प्रबंधन को न तो सरकार का भय है। न ही कर्मियो के आक्रोश का। न ही श्रम कानून का। ऐसा तब होता है, जब कर्मचारी एकजुट नहीं होते हैं। अतः एक यूनिट एक यूनियन की परिकल्पना को साकार करने का समय आ गया है।
सुधीर श्रीवास्तव, अध्यक्ष
आरएकेएस-राउरकेला स्टील प्लांट

सेल कर्मचारियों को लगातार गुमराह किया जा रहा है। कहीं न कहीं एनजेसीएस यूनियनों की मौन सहमति भी है। कर्मचारियों को हो रहे नुकसान की भरपाई कैसे की जाए, इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बीएकेएस लड़ता रहेगा।
हरिओम-अध्यक्ष,
बीएकेएस-बोकारो स्टील प्लांट