Bokaro Steel Plant प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की रणनीति, NJCS लीडर राजेंद्र सिंह की धमकी

Strategy against Bokaro Steel Plant management, threat from NJCS leader Rajendra Singh
राजेंद्र सिंह ने कहा-निराकरण के लिए सकारात्मक और ठोस पहल करें। नहीं तो मजदूर आन्दोलन से हक लेना बखूबी जानते हैं।
  • मजदूरों ने कहा-हमें मिनिमम नहीं, मैक्सिमम वेज चाहिए।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल बोकारो इस्पात संयंत्र (SAIL Bokaro Steel plant) के कोक-ओवन एवं कोक केमिकल्स विभाग (Coke-Oven & Coke Chemicals Department) के सुदर्शन कैंटीन में संयंत्र के ठेका मजदूरों की ज्वलंत समस्याओ पर आर-पार की आक्रामक रणनीति बनाई गई। क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ (हिन्द मजदूर सभा) के द्वारा ठेका मजदूरों की मीटिंग हुई।

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मीटिंग को सम्बोधित करते हुए संघ के महामन्त्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्लांट के कुछ अधिकारी ठेका मजदूरों के हकमारी को ही अपना एकमात्र कर्तव्य समझते हैं।

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15 अक्टूबर के हड़ताल नोटिस के आलोक में वार्ता के दौरान प्रबंधन ने हड़ताल वापस लेने का अनुरोध करते हुए मजदूरों से वादा किया था कि हम जल्द ही अपने नियम में सुधार कर यह सुनिश्चित करेंगे कि एक भी मजदूर मेडिकल चेकअप के वजह से बाहर नहीं हों।

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मगर इनका कानून है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज ठेका मजदूर सीधे-सीधे उत्पादन का काम कर रहें है। मगर बदले में मिलता है तो सिर्फ झारखंड सरकार का भवन निर्माण का मिनिमम वेज।

झारखंड सरकार के नियमावली में कारखाना का मिनिमम वेज है ही नहीं। फिर भी हमें मिनिमम वेज के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। ना नाइट शिफ्ट एलाउंस, ना ग्रेच्युटी, ना अन्य किसी प्रकार का भत्ता। हम साफ-साफ प्रबंधन को बता देना चाहते है कि हमें मिनिमम नहीं मैक्सिमम वेज चाहिए।

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ए.डब्ल्यू.ए का रकम जो हमें दिया जा रहा है, उसका ई.एस. आई.सी तो काटा जाता है। मगर मजदूरों को आर्थिक लाभ से वंचित रखने के लिए इस ए.डब्ल्यू.ए की राशि को मिनिमम वेज से नहीं जोड़ा जा रहा है।

जहां तक बायोमेट्रिक अटेंडेंस का सवाल है, हमारा कहना साफ है कि जो सुविधा और नियम अधिकारियो के साथ लागू है। वही सुविधाएँ ठेका मजदूरों को भी मिलना चाहिए, तभी बायोमेट्रिक अटेंडेंस मंजूर होगा।

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जो कुशल कामगार साथी ई.एस.आई.सी की सीमा से बाहर हो चुके हैं, उनके और उनके आश्रितों के इलाज के लिए कम से कम पाँच लाख रूपये का हेल्थ इंश्योरेंस करो या इलाज का उत्तम व्यवस्था करो।

अन्त में राजेंद्र सिंह ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए निराकरण के लिए सकारात्मक और ठोस पहल करें, नहीं तो मजदूर आन्दोलन से हक लेना बखूबी जानते हैं।

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मीटिंग को शशिभूषण सिंह, चन्द्र प्रकाश, जुम्मन खान, अभय शर्मा, अमित यादव, आनंद कुमार, हरेराम सिंह, टुनटुन सिंह आदि ने संबोधित किया।

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