- तथाकथित नीति-दिशानिर्देश में परिकल्पित निश्चित अवधि के अनुबंध रोजगार की इस प्रतिगामी पहल पर पुनर्विचार और समीक्षा करने की मांग।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में Young Professionals के रूप में अधिकारियों की भर्ती महज 3 साल के लिए करने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। पूर्व सांसद, एनजेसीएस सदस्य व सीटू के राष्ट्रीय महासचिव सेन ने सेल के डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह को पत्र लिखकर इस तरह के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में सेल के युवा पेशेवरों की नियुक्ति हेतु नीतिगत दिशानिर्देश पर तपन सेन ने लिखा-सेल प्रतिष्ठानों में गैर-कार्यकारी कर्मचारियों और कर्मचारियों तथा सेवानिवृत्ति आदि के कारण कार्यपालक वर्ग में नियमित जनशक्ति में तेजी से कमी को देखते हुए, सेल में नई भर्ती की पहल का सदैव स्वागत है।
लेकिन बेहद परेशान करने वाली बात यह है कि ऐसी भर्तियाँ संयंत्रों/खानों/प्रतिष्ठानों में स्थायी और मुख्य परिचालन क्षेत्रों में वरिष्ठ स्तर के और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित एवं योग्य गैर-कार्यकारी कर्मचारियों दोनों के काम को कवर करती हैं।
सेल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में ऐसी पद्धति अनुचित है, और इसका परिचालन कार्यबल के बड़े हिस्से, गैर-कार्यकारी और कार्यकारी दोनों के बीच प्रतिबद्धता और स्वामित्व की भावना के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है, जिससे अंततः कंपनी को नुकसान होगा।
नीति दिशानिर्देश द्वारा दावा किए गए “निश्चित अवधि के अनुबंध रोजगार” की परिकल्पना करना, किसी भी तरह से एक वैज्ञानिक, तार्किक और तर्कसंगत नुस्खा नहीं माना जा सकता है। यदि ऐसी भर्ती प्रथा जारी रही, तो कंपनी को काफी नुकसान होगा।
पेशेवर जवाबदेही में एक असामान्य और अराजक स्थिति पैदा हो रही है। ऐसी असामान्यता और अराजकता की निरंतरता निश्चित रूप से पूरे कार्यबल में अशांति और तनाव पैदा करेगी, क्योंकि सेल कार्यबल, श्रमिकों और अधिकारियों, दोनों के वेतनमान और अन्य परिभाषित सुविधाओं के लिए स्थापित अधिकार और व्यवस्था, प्रबंधन द्वारा पुराने निश्चित अवधि के अनुबंध रोजगार उपायों के ऐसे उत्तेजक और अनियंत्रित उपयोग के माध्यम से कर्मचारियों की लागत को कम करने की इच्छा से अनिवार्य रूप से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी, जैसा कि हम गैर-कार्यकारी श्रमिकों के वेतन-संशोधन के मामले में पहले ही देख चुके हैं।
सत्तर के दशक से सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उद्योग के साथ कई दशकों से जुड़े एक व्यक्ति के रूप में, मैं प्रबंधन से ईमानदारी से आग्रह करता हूँ कि वह तथाकथित नीति-दिशानिर्देश में परिकल्पित निश्चित अवधि के अनुबंध रोजगार की इस प्रतिगामी पहल पर पुनर्विचार और समीक्षा करे और इसे लंबे समय से स्थापित और लंबे समय से प्रचलित प्रणाली के अनुसार नियमित रोजगार उपायों से प्रतिस्थापित करे, जो कि एक सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान के लिए औचित्य और निष्पक्षता के हित में है।












