- Union Budget 2024 में पेंशन योजना में बड़े बदलाव की घोषणा हो सकती है। फिलहाल, बजट तक इंतजार कीजिए।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। पेंशनर्स के लिए कुछ अच्छा होने वाला है। पेंशन स्कीम (pension scheme) में सरकार बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। इसकी घोषणा केंद्रीय बजट में होने की उम्मीद है। दावा किया जा रहा है कि पेंशनर्स को बड़ी राहत देने के मूड में सरकार है। लोकसभा चुनाव से पहले पेंशनर्स को साधने की कोशिश की जा रही है। देश में 7 सदस्य लोग ईपीएफओ के सदस्य हैं। वहीं, 78 लाख पेंशन होल्डर हैं।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Pension Fund Regulatory and Development Authority) (PFRDA) का कहना है कि एनपीएस में नियोक्ता के अंशदान को इम्प्लाइज के बेसिक वेतन के 12 प्रतिशत के बराबर तक टैक्स फ्री किया जाना चाहिए।
वर्तमान में एनपीएस (NPS) में प्राइवेट सेक्टर इंडिविजुअल या कॉरपोरेट स्कीम (Private Sector Individual or Corporate Scheme) के तहत कर्मचारियों के लिए पेंशन स्कीम में नियोक्ता को बेसिक सैलरी के 10 फीसदी के बराबर रकम पर ही टैक्स से छूट मिलती है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि 2 प्रतिशत अतिरिक्त छूट की घोषणा सरकार कर सकती है। अब देखना यह होगा कि सरकार वास्तव में कितनी राहत देती है या नहीं।
पीएफआरडीए (PFRDA) चेयरमैन ने पेंशन योजना को लेकर पिछले दिनों बड़ी प्रतिक्रिया दी है। पेंशन नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन दीपक मोहंती की बात को लेकर अब अधिक उम्मीदें लगाई जा रही है।
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मीडिया से बातचीत के दौरान दीपक मोहंती ने यहां तक कहा कि एनपीएस में नियोक्ता अंशदान पर टैक्स के फायदों को ईपीएफ में 12 फीसदी की लिमिट के बराबर लाने का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि इसे अंतत: सरकारी कर्मचारियों की तरह बेसिक सैलरी के 14 फीसदी के बराबर तक जाना चाहिए। अभी प्राइवेट सेक्टर में ईपीएफ नियमों के तहत बेसिक सैलरी व महंगाई भत्ते के 12 फीसदी के बराबर तक के योगदान को टैक्स से छूट दी जाती है।
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बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स (Income Tax) के मौजूदा नियमों के तहत नियोक्ता अपने कर्मचारी की बेसिक सैलरी के दस प्रतिशत तक के एनपीएस में योगदान को बिजनेस एक्सपेंस के रूप में दिखा सकते हैं। इससे उन्हें टैक्स बचाने में मदद मिलती है। कर्मचारी भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सीसीडी (2) के तहत अपनी सैलरी के 10 फीसदी के बराबर नियोक्ता के योगदान पर टैक्स के फायदे उठा सकते हैं। यह लाभ नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में मिलता है।