Vindhyagiri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लांच किया युद्धपोत विंध्यगिरी, SAIL ने 4000 टन दिया स्पेशल स्टील, अकेले BSL का 50% स्टील

  • यह युद्धपोत भारतीय नौसेना द्वारा शुरू की गई परियोजना P17A पहल का हिस्सा है और इसका निर्माण मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा किया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने एक बार फिर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में अपनी हिस्सेदारी निभाई है। भारत के छठे स्वदेशी युद्दपोत “विंध्यगिरि” में 4000 टन विशेष स्टील की आपूर्ति करके देश की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है।

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विंध्यगिरि युद्धपोत के लिए आपूर्ति किए गए स्टील में 2000 टन डीएमआर 249 ए ग्रेड स्टील (यानी 50% स्टील) की आपूर्ति बोकारो स्टील प्लांट द्वारा की गई है। बीएसएल द्वारा आपूर्ति की गई उच्च ग्रेड के स्टील से ही युद्धपोत का निर्माण हुआ है, जो देश को समर्पित कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों इसको समर्पित किया गया है।

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यह युद्धपोत भारतीय नौसेना द्वारा शुरू की गई परियोजना P17A पहल का हिस्सा है और इसका निर्माण मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा किया जा रहा है।

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सेल द्वारा विंध्यगिरि युद्धपोत के लिए आपूर्ति किए गए स्टील में डीएमआर 249 ए ग्रेड की एचआर शीट्स और प्लेट्स शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट पी17ए की महत्वपूर्ण परियोजना के तहत सात युद्दपोतों का लांच होना है, “विंध्यगिरि” का यह आगामी लांच, इस तरह के छठे युद्दपोत के सफल निर्माण का उदाहरण है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सेल की भागीदारी, भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी विकास और इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में, कंपनी के दृढ़ समर्पण का उदाहरण है।

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यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर, देश के गौरव और उल्लास के प्रतीक आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग में सेल के उल्लेखनीय योगदान के बाद आया है, जिसमें सेल ने विमान वाहक पोत के निर्माण के लिए आवश्यक पूरे 30,000 टन स्पेशल स्टील प्रदान किया था।