मोदी सरकार के 4 लेबर कोड की प्रतियां बोकारो स्टील प्लांट के बाहर कर्मचारियों ने फूंकी

Workers Burn Copies of the Modi Governments Four Labor Codes Outside the Bokaro Steel Plant
  • संयुक्त मंच ने कहा-लेबर कोड्स तब तक स्वीकार नहीं किए जाएंगे, जब तक सरकार इन्हें वापस नहीं लेती।

सूचनाजी न्यूज़, बोकारो। सेल बोकारो स्टील प्लांट की ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार की चार लेबर कोड की प्रतियों को आग के हवाले कर दिया। नया मोड़ बिरसा मुंडा चौक पर लेबर कोड्स के खिलाफ उग्र विरोध, अधिसूचना की प्रतियां जलाकर जताया आक्रोश।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने नया मोड़, बिरसा मुंडा चौक पर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए लेबर कोड्स के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। मजदूर संगठनों ने अधिसूचना की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया और सरकार पर श्रमिकवर्ग के साथ धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगाया।

सभा को संबोधित करते हुए बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि “इन लेबर कोड्स को लागू करना देश के मेहनतकशों के साथ एक बड़ा धोखा है। सरकार ने एकतरफा फैसले लेते हुए लोकतांत्रिक भावना का खुला उल्लंघन किया है।”

उन्होंने कहा कि 21 नवंबर को जारी अधिसूचना भारत के कल्याणकारी राज्य के चरित्र को नष्ट कर देने वाला कदम है। संयुक्त मंच का आरोप है कि सरकार ने न तो संवाद किया, न ही श्रमिक हितों को ध्यान में रखा।

पहले दिन से विरोध, आंदोलन का लंबा इतिहास

संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने बताया कि 2019 में वेज कोड पारित होने के बाद से ही आंदोलन जारी है। जनवरी 2020 की आम हड़ताल और सितंबर 2020 में अन्य तीन कोड्स के पारित होने के बाद 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल इसका हिस्सा रही।

इसके बाद भी विरोध चलता रहा और 9 जुलाई 2025 को 25 करोड़ मजदूरों की ऐतिहासिक हड़ताल के बावजूद सरकार ने अपीलों को अनसुना कर दिया।

मंच ने कहा कि श्रम शक्ति नीति 2025 और प्री-बजट बैठक में भी लेबर कोड्स वापस लेने की मांग दोहराई गई, पर सरकार पूरी तरह “असंवेदनशील” बनी रही।

“मेहनतकशों पर युद्ध की घोषणा”-संयुक्त मंच

विभिन्न यूनियनों ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा कॉर्पोरेट हितों को साधना है और इन कोड्स के जरिए मजदूरों को “वर्चुअल गुलामी” में धकेला जा रहा है। मंच ने कहा कि बेरोज़गारी और महंगाई के दौर में ये कोड लागू करना मेहनतकशों पर युद्ध की तरह है।
संयुक्त मंच ने साफ कहा कि लेबर कोड्स तब तक स्वीकार नहीं किए जाएंगे जब तक सरकार इन्हें वापस नहीं लेती। 26 नवंबर को प्रतिरोध और अस्वीकृति के लिए देशव्यापी आह्वान भी किया गया है।

किस-किस नेताओं ने किया संबोधन

सभा में कई प्रमुख यूनियन नेताओं ने संबोधित किया
रामाश्रय प्रसाद सिंह, महामंत्री, बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक)
बी.एन. उपाध्याय, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक)
इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) के प्रतिनिधि
सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स यूनियन (एक्टू) के देव दीप सिंह दिवाकर
बोकारो इस्पात सेंट्रल वर्कर्स यूनियन के मोहन चौधरी
बोकारो कर्मचारी पंचायत (एचएमएस) के आर.के. वर्मा
सभा की अध्यक्षता आर.आर. दास ने की।