- छत्तीसगढ़ के समस्त 146 विकासखंडों सहित चार शहरों में खुले निःशुल्क स्वामी आत्मानंद कोचिंग सेंटर।
- समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम एवं ऐलन कैरियर कोचिंग इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर।
- हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को मिलेगी निःशुल्क कोचिंग।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने इंजीनियरिंग एवं मेडिकल (Engineering and Medical) की प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) के लिए स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) की नवाचारी स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का अपने निवास कार्यालय से ऑनलाइन शुभारंभ किया। इस योजना के तहत प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहरों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी।
मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे (Ravindra Chaube) के समक्ष स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना (Swami Atmanand Coaching Scheme) संचालन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम एवं ऐलन कैरियर कोचिंग इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड (Allen Career Coaching Institute Private Limited) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना (Swami Atmanand Coaching Scheme) के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने राज्य के विकासखंडों के कोचिंग सेंटर में उपस्थित बच्चों से चर्चा कर योजना के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान स्कूली बच्चों ने अपने बेहतर भविष्य के लिए योजना के प्रति भरपूर खुशी का इजहार करते हुए मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ करते हुए छत्तीसगढ़ में बच्चों के कैरियर निर्माण के लिए की एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की सर्वसुविधा युक्त बेहतर ऑनलाईन कोचिंग की व्यवस्था भी हम सभी विकासखण्डों में करेंगे।
श्री बघेल (Shree Baghel) ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह योजना बच्चों के सुनहरे भविष्य को गढ़ने में अहम साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर क्षेत्र में वातावरण का निर्माण करें। इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा सबसे पहले कृषि के क्षेत्र में वातावरण बनाया।
इससे कृषकों की संख्या और कृषि क्षेत्र की रकबा तथा उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई। इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए काम का असर लोगों को दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के वातावरण के लिए हमारी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके तहत स्कूलों के अधोसंरचना विकास के लिए बडी तादात में 1100 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया। इस राशि से स्कूलों के भवन का संधारण और कक्ष तथा अतिरिक्त कक्ष सहित आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की गई। स्कूलों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण सहित दूरस्थ अंचल तक बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 753 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। आज इनकी लोकप्रियता की स्थिति यह है कि इन स्कूलों में एक-एक सीट पर प्रवेश के लिए 10-10 आवेदन आते है।
राज्य में आज शुरू की गई स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी निर्णय और एक अहम कदम साबित होगा। प्रदेश में पहले दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंदूक से निकली गोलियों की आवाज गूंजती थी। वहां आज राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लाए जा रहे बदलाव से बच्चों के बेहतर भविष्य के अवसर तैयार हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत हमने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कोचिंग के साथ-साथ शिक्षकों की समुचित व्यवस्था की गई है। एक कोचिंग सेंटर में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान एवं गणित विषय के लिए अलग-अलग नोडल शिक्षक चिन्हांकित कर लिए गए है। कोचिंग सेंटरों में अध्यापन कार्य का नियमित अवलोकन किया जाएगा और पालकों का फीडबैक भी लिया जाएगा।
ऑनलाइन कक्षाओं (Online Classes) में टू-वे संवाद रहेगा अर्थात विद्यार्थी विषय शिक्षकों से प्रश्न पूछ सकेंगे। इस दौरान विद्यार्थियों का लगातार आंकलन किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज का पल ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री द्वारा 15 अगस्त को की गई घोषणा पर स्कूल शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्यवाही कर अमलीजामा पहनाया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शैक्षणिक विकास के लिए सार्थक कदम उठाया है।
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150 कोचिंग सेंटर को इंटरनेट कनेक्शन और कम्प्यूटर से जोड़ेंगे
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ आलोक शुक्ला ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के संबंध में बताया कि प्रदेश के 146 विकासखंड और चार शहरों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर को इंटरनेट कनेक्शन और कम्प्यूटर से जोड़ दिया गया है। यहां कक्षा 12वीं में गणित एवं जीव विज्ञान संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। यह निःशुल्क कोचिंग हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए दी जाएगी। इस योजना के तहत अब तक 9 हजार 13 बच्चों का पंजीयन हो चुका है। इनमें नीट के लिए 6 हजार 553 और जेईई की कोचिंग के लिए 2 हजार 460 ने पंजीयन कराया है।
योजना के शुभारंभ अवसर पर ये रहे मौजूद
इस अवसर पर राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद श्री राजेश सिंह राणा, संचालक लोक शिक्षण सुनील कुमार जैन, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा इफ्फत आरा, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम इंद्रजीत चंद्रवाल, राज्य योजना आयोग की सलाहकार मिताक्षरा कुमारी, ऐलन कोचिंग संस्था के प्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।