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SAIL, NMDC अधिकारियों का लाखों का मामला: DASA, PRP, बकाया पर्क्स, HRA, एरियर, लीज नियमतीकरण और 30% सुपरएनुएशन बेनिफिट पर SEFI-BSP OA ने स्टील सेक्रेटरी को सौंपी फेहरिस्त

SAIL, NMDC अधिकारियों का लाखों का मामला: DASA, PRP, बकाया पर्क्स, HRA, एरियर, लीज नियमतीकरण और 30% सुपरएनुएशन बेनिफिट पर SEFI-BSP OA ने स्टील सेक्रेटरी को सौंपी फेहरिस्त
  • माइंस अधिकारियों हेतु विशेष भत्ता डासा को पुनः बहाल करने की रखी मांग।
  • सेल के डाक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 65 करने की मांग।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP OA) के पदाधिकारियों ने सेफी (SEFI) चेयरमेन व ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा मुलाकात की। इस्पात क्षेत्र के अधिकारियों के लंबित मुद्दों पर इस्पात भवन के निदेशक प्रभारी के सभागार में विस्तृत चर्चा की।

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मुख्य तौर पर सेल (SAIL) के माइंस एवं एन.एम.डी.सी (NMDC) के अधिकारियों को थर्ड पे-रिविजन में डासा (डिफिकल्ट एरिया सर्विस एलाउंस-DASA) का भुगतान चालू करने, वित्तीय वर्ष 2018-19 का इंक्रीमेंटल पीआरपी (PRP) प्रदान करने, सेल अधिकारियों को 11 माह का लंबित पर्क्स एरियर्स (26.11.2008 से 04.10.2009), सेल में 30 प्रतिशत सुपरएनुएशन बेनिफिट सुनिश्चित करने, सेल में यूनिफार्म एचआरए पॉलिसी लागू करने, डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने, थर्ड पे-रिविजन का एरियर्स, बीएसपी के लीज़ क्वाटर्स, संस्थान आदि का नियमितीकरण जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

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सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा के समक्ष ‘डासा’ को लागू करने के समर्थन में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि सेल और एनएमडीसी की खानें अधिकांशतः दूरस्थ स्थान पर स्थित हैं और चिकित्सा, शिक्षा और टाउनशिप जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ नक्सलवाद से प्रभावित हैं। वर्तमान में विशेष भत्ते बहाल नहीं होने के कारण खदानों में कार्यरत अधिकारी हतोत्साहित हैं। जिसका प्रभाव कंपनी के निष्पादन पर पड़ सकता है।

सेफी चेयरमेन द्वारा सेल में पी.आर.पी. की गणना में इंक्रीमेंटल लाभ को डीपीई के दिशानिर्देशों के अनुरूप समायोजित करने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है। विदित हो कि वित्त वर्ष 2017-18 में सेल ने कर पूर्व कुल हानि 759 करोड़ रूपये घोषित किया एवं वर्ष 2018-19 में कर पूर्व कुल लाभ 3338 करोड़ रूपये घोषित किया। जिससे इंक्रिमेंटल लाभ 4097 करोड़ रूपये पर आधारित पीआरपी की गणना करने की मांग जो कि सेल में हुए टर्नअराउंड का लाभ, सभी अधिकारियों को इंक्रिमेंटल पी.आर.पी. देकर प्रोत्साहित किया जा सकता है।

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इस्पात सचिव ने सभी विषयों को सहानुभूतिपूर्वक सुना तथा शीघ्र ही इन विषयों पर समुचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। निदेशक प्रभारी के सभागार में आयोजित इस बैठक में इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा के साथ निदेशक प्रभारी भिलाई इस्पात संयंत्र अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक व प्रशासन) एस. मुखोपाध्याय उपस्थित थे। ओए बीएसपी के प्रतिनिधि मंडल में सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में कोषाध्यक्ष अंकुर मिश्रा, उपाध्यक्ष (माइंस) वेणु गोपाल देवांगन, उपाध्यक्ष जीपी सोनी तथा सचिव रेमी थॉमस शामिल थे।

सेल अधिकारी विदेश में कर रहे थे सैर-सपाटा, लाखों रुपए आज भी फंसा

-11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात सचिव को बताया कि 26.11.2008 से 05.10.2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु कैट द्वारा फरवरी 2016 में आवश्यक आदेश पारित करने के बावजूद सेल प्रबंधन ने इस मुद्दे को लटकाने का प्रयास किया है।
-जिसके फलस्वरूप अधिकारियों को अपने वाजिब हक की राशि अब तक अप्राप्त रही है। विदित हो कि यह मुद्दा तत्कालीन सेल प्रबंधन के लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है।
-सरकार के दिशानिर्देश के तहत इस भुगतान को करने के लिए सेल प्रबंधन को अप्रैल 2008 में बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर मंत्रालय को प्रेषित करना था, परंतु विडम्बना यह है कि उस वक्त सेल का उच्च प्रबंधन एवं मंत्रालय के अधिकारी अपने सैर-सपाटे के लिए विदेश यात्रा पर थे।
-इसके कारण उन्होंने सरकारी दिशानिर्देश के तहत दिए गए समय-सीमा के भीतर इस प्रस्ताव को रखने में देरी हुई। जबकि उस वक्त सेल के पास हजारों करोड़ रूपये का सरप्लस राशि उपलब्ध थी।
-सेल के तत्कालीन उच्च प्रबंधन के लापरवाही की खामियाजा आज भी सेल के अधिकारी भुगत रहे हैं।
-इस संदर्भ में ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल.) ने तत्काल कार्यवाही करते हुए बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को पारित कर अपने अधिकारियों को पूरा लाभ दिलाया।
-अतः सेल अधिकारियों को भी तदानुसार 11 माह का पर्क्स भुगतान करने का आग्रह किया।

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30 प्रतिशत सुपरएनुएशन बेनीफिट

ओए-बीएसपी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा से सेल में 30 प्रतिशत सुपरएनुएशन बेनीफिट सुनिश्चित करने हेतु निवेदन किया। डीपीई के द्वितीय एवं तृतीय पे-रिविजन दिशानिर्देशों के अनुसार अधिकारियों को बेसिक एवं डीए का 30 प्रतिशत सेवानिवृत्ति लाभ दिया जाना है। परंतु सेल पेंशन के मद में वर्तमान फार्मूले के तहत यदि वित्तीय वर्ष में कंपनी को लाभ की स्थिति में बेसिक एवं डीए की 9 प्रतिशत राशि एनपीएस में जमा की जाती है एवं वित्तीय वर्ष में कंपनी को हानि की स्थिति में 3 प्रतिशत राशि एनपीएस में जमा की जाती है। जो कि सीधे-सीधे डीपीई के दिशानिर्देशों की अवहेलना है।

डाक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करें

-एनके बंछोर ने इस्पात सचिव से चर्चा करते हुए मांग की कि स्टील सेक्टर के पीएसयू में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि करते हुए इसे 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए।
-बंछोर ने इस समस्या पर सचिव का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि वर्तमान में इस्पात क्षेत्र के इन अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी देखने को मिल रही है। जिसके चलते इस्पात बिरादरी को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए रिफरल सिस्टम पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

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-इस्पात उद्योग एक जोखिम भरा उद्योग होने के कारण यहां दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। अतः किसी भी दुर्घटना की स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता अति आवश्यक हो जाती है।
-विदित हो कि चिकित्सकीय सेवा में विशेषज्ञ डॉक्टर लगभग 30 वर्ष की आयु में ज्वाइन करते हैं। अतः उनकी सेवाएं कंपनी को मात्र 30 वर्ष तक ही प्राप्त हो पाती है।
-अतः इन अनुभवी डॉक्टरों की सेवाओं में अगर 5 वर्ष की वृद्धि की जाए तो जहां इस्पात बिरादरी को बेहतर चिकित्सा, दुर्घटना की स्थिति में उत्कृष्ट ईलाज मिलने में सहायता मिलेगी, वहीं रिफरल के खर्चों में भी कमी आएगी।
-श्री बंछोर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में एम्स व अन्य मेडिकल कॉलेज से लेकर राज्य सरकार के चिकित्सा सेवा में संलग्न डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है।
-अतः इस्पात पीएसयू द्वारा संचालित चिकित्सालयों में संलग्न डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करना उचित होगा।

बीएसपी क्वाटर्स में सेवानिवृत्ति के पश्चात रिटेंशन व लाइसेंस योजना करें शुरू

सेफी चेयरमेन व ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस्पात सचिव के समक्ष भिलाई नगर क्षेत्र में बीएसपी क्वाटर्स में सेवानिवृत्ति के पश्चात रिटेंशन व लाइसेंस जैसी योजनाओं के विस्तार आदि विषयों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने बीएसपी के लीज क्वाटर्स, लीज संस्थान तथा दुकानों के लीज की समस्या के समाधान हेतु विस्तृत चर्चा की।