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निलंबित BSP कर्मियों को मिली है 5-5 सजा, BJP के मंत्री-सांसद नहीं दिला पा रहे न्याय, अब कांग्रेसी सरकार से जांच आयोग की मांग

निलंबित BSP कर्मियों को मिली है 5-5 सजा, BJP के मंत्री-सांसद नहीं दिला पा रहे न्याय, अब कांग्रेसी सरकार से जांच आयोग की मांग
  • यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि पूरे प्रकरण में शिकायतकर्ता भी अधिकारी थे, जांचकर्ता भी अधिकारी थे। न्यायकर्ता भी अधिकारी थे। उसमे भी पीड़ित कर्मचारियों को तथाकथित गलती की एक नहीं 5-5 सजा जैसे निलंबन, इंक्रीमेंट कटौती, स्थानांतरण, आर्थिक परेशानी, मानसिक परेशानी जैसा दंड दिया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी निलंबन और ट्रांसफर की सजा झेल रहे हैं। खासतौर से आर्थिक रूप से हो रही क्षति और ट्रांसफर की मार झेल रहे कर्मियों को न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार के मंत्रियों, भाजपा के सांसदों से गुहार लगाने के बाद भी रिजल्ट नहीं बदल रहा है। अब मांगों की फेहरिस्त कांग्रेसी विधायक तक पहुंच गई है। मकसद यह है कि कांग्रेसी सरकार एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन करे, ताकि कर्मचारियों को न्याय मिले। कर्मचारी एक साथ 5-5 सजा भुगत रहे हैं।

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बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियो ने भिलाई विधायक देवेंद्र यादव से गुहार की है। विधायक से चर्चा के दौरान यूनियन पदाधिकारियों ने अपना मांग पत्र सौंपा। यूनियन पदाधिकारियों ने विधायक से मांग किया कि वह भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा एकतरफा किए गए इंक्रीमेंट कटौती, निलंबन, ट्रांसफर से पीड़ित कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग गठन करने की पहल करें।

यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि पूरे प्रकरण में शिकायतकर्ता भी अधिकारी थे, जांचकर्ता भी अधिकारी थे। न्यायकर्ता भी अधिकारी थे। उसमे भी पीड़ित कर्मचारियों को तथाकथित गलती की एक नहीं 5-5 सजा जैसे निलंबन, इंक्रीमेंट कटौती, स्थानांतरण, आर्थिक परेशानी, मानसिक परेशानी जैसा दंड दिया गया।

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बड़े औद्योगिक विवाद को शांतिपूर्वक निपटाने के लिए यूनियनों के साथ संयुक्त जांच कमेटी गठित कर मामले का निपटारा किया जाता है। परंतु कर्मचारियों के मामलों में प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। जबकि कर्मचारियों को औद्योगिक विवाद अधिनयम तथा कारखाना अधिनियम के तहत कई अधिकार मिला है।

यूनियन पदाधिकारियों ने विधायक से मांग किया कि वह छत्तीसगढ़ में मई दिवस को पेड हालीडेज घोषित करवाएं, ताकि भिलाई इस्पात संयंत्र सहित पूरे छत्तीसगढ़ में कार्य करने वाले सभी प्रकार के श्रमिक वर्ग को एक अतिरिक्त दिन का वेतन मिल सके।

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यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि मई दिवस मजदूरों को समर्पित है। परंतु उस दिन भी उनको मजदूरी के बदले अतिरिक्त वेतन नहीं मिलता है। जबकि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु जैसे राज्यों में मई दिवस को पेड हालीडेज घोषित किया गया है।

कर्मचारियो की बातों को भिलाई विधायक ने गंभीरता से सुना तथा सरकार और श्रम मंत्री के संज्ञान में लाने की बात की। विधायक के साथ बैठक में अध्यक्ष अमर सिंह, उपाध्यक्ष उमाकांत कन्हाई, महासचिव अभिषेक सिंह, कोषाध्यक्ष नवीन कुमार मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्यों में सुनील शर्मा, ब्रजेश सिंह, उमेश दास, निरंजन कुमार, उषाकर, महेंद्र सिंह, किरण बास्की,कुमार सत्यम,वेगी अविनाश,पंकज कुमार, सुमित कुमार, राजेश कुमार एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।