SAIL सेफ्टी में RSP सबसे आगे, BSP, DSP बेहतर और BSL की जमकर खिंचाई, CGM दबाकर बैठे हैं साफ-सफाई का फंड, हो रहे गैलरी हादसे

Joint Committee on Safety, Health & Environment In the Steel industry (JCSSI) के दो दिवसीय कार्यक्रम में सेफ्टी पर खुलकर हुई बात।

अज़मत अली, भिलाई। सेफ्टी को लेकर सेल में सबसे बेहतर कामकाज राउरकेला स्टील प्लांट कर रहा है। इसके बाद दुगापुर और भिलाई स्टील प्लांट ने अपने प्रेजेंटेशन में खुद को साबित किया है। वहीं, बोकारो स्टील प्लांट को लेकर हर तरफ से सवाल उठा दिए गए हैं। भरी सभा में अधिकारियों को झूठा साबित कर दिया गया। सेल के डायरेक्टर टेक्नीकल, प्रोजेक्ट एंड रॉ-मटेरियल ने भी अंगुली उठा दिया है।

यह सब Joint Committee on Safety, Health & Environment In the Steel industry (JCSSI) के दो दिवसीय कार्यक्रम में हुआ। रांची में जुटे स्टील प्लांट के अधिकारियों, यूनियन प्रतिनिधियों के बीच सुरक्षा को लेकर गहन मंथन किया गया। बोकारो के सीजीएम सेफ्टी की खिंचाई होती रही।

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इंटक नेता व एनजेसीएस सदस्य बीएन चौबे ने भरी सभा में उन्हें कहा झूठा बोल दिया। प्रेजेंटेशन में गलत जानकारी देने पर भड़क गए। चेयरमैन एके सिंह को बोलना पड़ा, सीजीएम सेफ्टी से कहा-आपके पास क्या है? कहीं पर भी नहीं टिक रहे हैं आप…।

भिलाई स्टील प्लांट से इंटक प्रतिनिधि एवं महासचिव वंश बहादुर सिंह ने बीएसपी में लगातार गैलरी गिरने की घटना को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे में एक-दो मौत होगी, लेकिन गैलरी की चपेट में कर्मचारी आएंगे तो इसकी संख्या कई गुणा हो सकती है। गैलरी हादसे का मुख्य कारण सफाई कार्य न होना बताया।

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गैलरी के स्ट्रक्चर और पीलर के पास डस्ट जमे होने से स्ट्रक्चर व कॉलम सड़ रहे हैं। गैलरी पर एक-एक फीट तक स्लैग या अन्य कच्चा माल जमा होता है। इसकी साफ-सफाई के लिए सभी सीजीएम के पास फंड है। लेबर भी है, लेकिन सफाई हो नहीं रही है। इसलिए स्ट्रक्चर पर पेंट तक नहीं होता है।

यही कारण है कि आयेदिन भिलाई स्टील प्लांट में गैलरी गिर रही है। इस मुद्दे पर जेसीएसएसआई के चेयरमैन डायरेक्टर टेक्नीकल एके सिंह ने कहा कि वे ईडी वर्क्स को निर्देशित करेंगे कि इसे तत्काल सुधारा जाए।

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आरएसपी की तरह क्यों नहीं बाकी यूनिट में 10 लाख का इंश्योरेंस हो रहा

वंश बहादुर सिंह ने ठेका श्रमिकों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राउरकेला स्टील प्लांट ने ठेका मजदूरों के लिए 10 लाख का इंश्योरेंस कराया है। ये सभी जगह क्यों नहीं है? ठेकेदार 90 प्रतिशत और लेबर 10 प्रतिशत पैसा देते हैं। इस तरह की व्यवस्था सेल के सभी प्लांट में होनी चाहिए।

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सेल खुद बांटे पीपीई किट, ठेकेदारों से ले पैसा

कार्यक्रम के दौरान टाटा और जेएसडब्ल्यू ने अपने यहां सुरक्षा को लेकर अपनाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। टाटा और जेएसडब्ल्यू ने प्रेजेंटेशन में बताया कि पीपीई किट का पैरामीटर तय कराया जाता है। पूरा करना ठेकेदार को अनिवार्य है। वरना लाइसेंस नहीं बनाते हैं।

इस पर वंश बहादुर सिंह ने सेल प्रबंधन से आग्रह किया कि सेल के सभी प्लांट में एक जैसी व्यवस्था लागू की जाए। राउरकेला स्टील प्लांट पीपीई किट का पैसा ठेकेदार से वसूलता है। इसका फायदा यह कि कार्मिकों को बेहतर क्वालिटी के सेफ्टी के सारे सामान मिलते हैं। इसी व्यवस्था को सेल के सभी प्लांट में लागू करने की मांग की है।