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स्पिकमैके: बीआईटी में विरासत की धूम, कथकली की 24 मुद्रा ने किया हैरान

स्पिकमैके: बीआईटी में विरासत की धूम, कथकली की 24 मुद्रा ने किया हैरान
  • संयोजक डॉ नागेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से युवा वर्ग में अपने कला और संस्कृति के प्रति नैसर्गिक लगाव व ज्ञान वर्धन होता है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्पिकमैके (सोसाइटी फ़ॉर प्रमोशन फ़ॉर इंडियन क्लासिकल म्यूज़िक ऐण्ड कल्चर अमगस्त यूथ) बीआईटी दुर्ग चैप्टर के अन्तर्गत विरासत शृंखला के तहत कथकली नृत्य का आयोजन किया गया। केरल के सुप्रसिद्ध गुरु डॉ सद्नम कृष्णन कुट्टी ने अपने 7 साथियों के साथ कथकली के बारे मे छात्रों पहले सम्बोधन किया। फिर नृत्य के मध्यम समा बान्ध लिया।

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सबसे पहले कुट्टी ने नव रस की भाव भंगिमा की प्रस्तुति दी। फिर कथकली मे प्रयोग होने वाले 24 मुद्रा को साक्षात करके दिखाया। नृत्य के माध्यम से किस तरह एक मदमस्त हाथी को अजगर निगल जाता है और उस अजगर को शेर मार देता है। कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार अप्पू कट्टन थे। कथकली सिर्फ नृत्य ही नही बल्कि एक नाटक की भी विधा है।

महाभारत की एक कथा की जीवन्त प्रस्तुति दी जिसमे द्रौपदी भीम से फूल की मांग करती है। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य डॉ अरुण अरोरा, डॉ शुभ्रता नागपाल वरिष्ठ प्रोफेसर व बड़ी संख्या मे विद्यार्थी उपास्थित थे।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ नागेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से युवा वर्ग में अपने कला और संस्कृति के प्रति नैसर्गिक लगाव व ज्ञान वर्धन होता है। विगत 22 वर्षों से बीआईटी दुर्ग मे स्पिकमैके आयोजन प्रति वर्ष किया जा रहा है।

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