SAIL के 15 हजार अधिकारियों पर अब धनवर्षा, SEFI की जीत, मिलेगा 11 महीने के बकाया पर्क्स का पैसा

सेफी के प्रयासों से सेल अधिकारियों के 11 माह के पर्क्स एरियर्स भुगतान का मार्ग हुआ प्रशस्त।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेफी चेयरमेन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में एक लंबा संघर्ष करते हुए 15 वर्षों से लंबित सेल के अधिकारियों को 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स भुगतान का रास्ता साफ हुआ है।

सेफी ने इस न्याय संगत मांग के लिए कैट और कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और उसमें सेल अधिकारियों के पक्ष में फैसला हासिल हुआ,परंतु इस पर्क्स एरियर्स का भुगतान अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।

एनकेक बंछोर ने बताया कि इस भुगतान के लिए सेफी ने पुनः इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई (वित्त मंत्रालय) का दरवाजा खटखटाया। इस हेतु सेफी ने निरंतर पत्र व्यवहार व विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों व सचिवों से निरंतर मुलाकात कर इस भुगतान की मांग रखी।

वर्तमान में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइसेस के अनुमोदन के पश्चात इस्पात मंत्रालय ने 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स भुगतान को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रकार 15 वर्षों से लंबित सेल के अधिकारियों का 11 माह के पर्क्स के एरियर्स भुगतान का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

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नरेंद्र कुमार बंछोर ने जताया आभार

सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस न्याय संगत स्वीकृति के लिए इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई का आभार माना। श्री बंछोर ने विशेष तौर पर केन्द्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी, केन्द्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री बीआरएस वर्मा, तत्कालीन इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिंन्हा, इस्पात संयुक्त सचिव अभिजीत नरेन्द्र तथा डीपीई के संयुक्त सचिव लुकास एल कमसुआं को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया है।

सेल के 15000 तत्कालीन अधिकारी होंगे लाभान्वित

सेफी चेयरमेन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष एनके बंछोर ने बताया कि सेफी के संघर्ष तथा अदालतों के इस निर्णय के पश्चात इस्पात मंत्रालय के स्वीकृति से सेल के लगभग 15000 तत्कालीन कार्यपालकगण जो 26.11.2008 से 04.10.2009 के बीच सेवारत थे, जिसमें बीएसपी के लगभग 4000 तत्कालीन कार्यपालकगण भी लाभान्वित होंगे।

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15 वर्षों का लंबा संघर्ष

इस संदर्भ मे विस्तृत जानकारी देते हुए सेफी,चेयरमेन एवं बीएसपी,ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सबसे पहले सेफी ने सेल में 26-11-2008 से 04-10-2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु माननीय कैट के समक्ष केस दायर किया था। जिसमे माननीय कैट ने आदेश क्रमांक ओए/350/00191/2014 दिनांक 15.02.2016 द्वारा सेफी के पक्ष में आदेश दिया था।

सेल प्रबंधन ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। 13 सितंबर, 2023 को सेल की रिट याचिका को माननीय कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज कर दिया।

निराकरण के लिए निरंतर दौड़

सेफी के चेयरमेन नरेन्द्र बंछोर ने इस मुद्दे के निराकरण हेतु इस्पात मंत्रालय से लेकर विभिन्न मंत्रालयों तक दौड़ लगाई और आवश्यक हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था जिससे अधिकारियों को न्याय दिलाया जा सके। बंछोर ने बताया कि केस जीतने के बाद भी इसके भुगतान पर संकट के बादल छाए हुए थे।

इस भुगतान हेतु सेल प्रबंधन ने डीपीई की अनुशंसा तथा इस्पात मंत्रालय की स्वीकृति की जरूरत बताई थी। सेफी के प्रयासों से हाल ही में डीपीई एवं इस्पात मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है एवं 11 माह के पर्क्स एरियर्स के भुगतान का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

सेल के तत्कालीन उच्च प्रबंधन की उदासीनता का नतीजा

विदित हो कि यह मुद्दा तत्कालीन सेल प्रबंधन के उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है। सरकार के दिशानिर्देश के तहत इस भुगतान को करने के लिए सेल प्रबंधन को अप्रैल 2008 में बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर मंत्रालय को प्रेषित करना था।

परंतु विडम्बना यह है कि उस वक्त के तत्कालीन सेल का, उच्च प्रबंधन विदेश यात्रा में व्यस्त था। जिसके कारण उन्होंने सरकारी दिशानिर्देश के तहत दिए गए समय सीमा के भीतर इस प्रस्ताव को रखने में देरी की।

जबकि उस वक्त सेल के पास हजारों करोड़ रूपये का सरप्लस राशि उपलब्ध थी। सेल के तत्कालीन उच्च प्रबंधन की उदासीनता का खामियाजा आज भी सेल के अधिकारी भुगत रहे हैं। इस संदर्भ में ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड(आरआईएनएल)ने तत्काल कार्यवाही करते हुए बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को पारित कर अपने अधिकारियों को पूरा लाभ दिलाया।