सेना के बाद अब PSU में One Rank-One Pension की गूंजी आवाज, मोदी जी दीजिए ध्यान…

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए मिल रही है,जिसे 7500 रुपए करने का आंदोलन भी जारी है।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। देश की सरहद पर सेना मोर्चा संभाले हुए है। देश को आत्मनिर्भर बनाने में पब्लिक सेक्टर यूनिट-पीएसयू (PSU) जुटा हुआ है। सेना में वन रैंक-वन पेंशन (1 Rank 1 Pension) लागू है। इसी तरह पीएसयू (PSU) में भी वन रैंक-वन पेंशन की आवाज उठ गई है।

ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) को बढ़ाने की मांग करने वालों ने पीएम (PM Modi) का ध्यान आकृष्ट कराया है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत एक सामान्य पेंशन की आवाज पेंशनभोगियों (Pensioners) ने उठाई है।

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization), केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मंसुख माडविया (Labor and Employment Minister Mansukh Mandaviya), वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (EPS 95 Rashtriya Sangharsh Samiti NAC) के सामने यह मुद्दा उठाने की तैयारी है। फिलहाल, सोशल मीडिया पर समान रैंक, समान पेंशन (One Rank, One Pension) को लेकर वकालत की जा रही है।

ईपीएफओ (EPFO) से न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए मिल रही है, जबकि इसको 7500 रुपए करने की मांग है। इसी बीच पेंशनर्स ने सेना के तर्ज पर पीएसूय में वन रैंक-वन पेंशन की बात छेड़ दी है।

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जानिए इस आवाज पर पेंशनभोगियों की क्या राय है…

Anandrao Patil लिखते हैं कि जब तक मोदीजी सत्ता में है, तब तक पेंशन में बढ़ोतरी नहीं होगी। पेंशन जिंदा क्यों हैं, यही उनकी राय है? आप सिर्फ वोट दो, आप जीवीत है यह तो उनकी कृपा है ना…।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सरकार महिला को 1500 रुपए दे रही है। सरकार में बने रहने के लिए अब पेंशनरो की जरूरत नहीं…। ईपीएस 95 पेंशन में इजाफा भूल ही जाओ। अनशन करो या मरो कोई असर नहीं होता।

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इधर-उधर नहीं, सीधे पीएम मोदी को लिखिए

सीएस फुले ने लिखा-ईपीएस 95 के लिए पेंशन में संशोधन समय की सख्त जरूरत है। मोदी जी इस पर गंभीरता से विचार करें। महादेव कुम्बर ने कमेंट किया कि सीएस फुले सर धोखा देने वाली सरकार है। वरिष्ठ नागरिकों को को मायूसी ही मिल रही है। कौशल उप्पल ने सुझाव दिया कि सर…कृपया सीधे पीएम मोदी को लिखें। इससे प्रभाव और दबाव पैदा होगा। मैंने ऐसा किया है और आगे भी करता रहूंगा।

सिर्फ सैनिकों के बारे में सोच रही सरकार

पेंशनर्स मदन शर्मा ने कहा-अच्छा विचार-सुझाव है। सभी को दूसरों का समर्थन करना चाहिए। अब वर्तमान सरकार को बदलने की जरूरत है जो ईपीएस सैनिकों को न्याय नहीं दे रही है। अन्य भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दे रही है। अगर सहमत हैं, तो समूह में निर्णय के बाद एकता के साथ दूसरों का समर्थन करें।

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वित्त मंत्रालय पेंशन पर कोई फैसला नहीं ले रहा

राम नरेश भी भड़के हुए दिखे। उन्होंने लिखा-सच्चाई यह है कि वित्त मंत्रालय/भारत सरकार बढ़ी हुई ईपीएफ पेंशन पर कोई निर्णय लिए बिना ही आराम से बैठी है। लड़ाई जारी रहनी चाहिए। बसकरन सुब्रमण्यम अय्यर ने कहा-ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन में 1000 रुपये की बढ़ोतरी के बारे में सोचें।