SAIL ISP: मुख्य श्रम आयुक्त ने सेल चेयरमैन से कहा-इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट के कर्मचारियों का सस्पेंशन, ट्रांसफर वापस लें

SAIL ISP Chief Labor Commissioner told SAIL Chairman to withdraw the suspension and transfer of IISCO Burnpur Steel Plant employees
  • मुख्य श्रम आयुक्त के पत्र से स्पष्ट हो गया है कि प्रबंधन मनमानी करवाई कर रहा था।

सूचनाजी न्यूज़, बर्नपुर। सेल हड़ताल (SAIL Strike) से गुस्साए प्रबंधन ने इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट (IISCO Burnpur Steel Plant) के कर्मचारियों पर एक्शन लिया है। अब यही दांव उलट गया है। केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार ने सेल चेयरमैन को पत्र लिखकर 28 अक्टूबर के हड़ताल में शामिल होने वाले बर्नपुर के कर्मचारियों पर लिए गए एक्शन को अवैधानिक एवं प्रतिशोधात्मक कार्रवाई बताया है। इसे वापस लेने को कहा है।

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28 अक्टूबर को सेल में हुए हड़ताल में बर्नपुर एवं भिलाई में हड़ताल सफल रही l बर्नपुर के 90% कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया था। इससे तिलमिलाये प्रबंधन ने वहां के 26 कर्मचारियों को नोटिस दिया। चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। दो कर्मचारियों को सेलम स्टील प्लांट ट्रांसफर कर दिया l इससे नाराज होकर एनजेसीएस यूनियनों ने संयुक्त रूप से एवं अलग-अलग पत्र मुख्य श्रम आयुक्त नई दिल्ली को लिखा। इसे सेल प्रबंधन की मनमानी एवं गैर कानूनी कार्रवाई बताते हुए करवाई वापस लेने की मांग की थी l

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यूनियनों के पत्र को गंभीरता से लेते हुए मुख्य श्रम आयुक्त ने आज सेल अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्मचारियों पर की गई निलंबन ट्रांसफर एवं शोकास नोटिस को आई डी एक्ट की धारा 33 (1)(a) का उल्लंघन बताते हुए किसी भी तरह के कानूनी अड़चन से बचने के लिए कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई को वापस लेने को कहा है l मुख्य श्रम आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा है कि क्योंकि इस मामले पर मुख्य श्रम आयुक्त के कार्यालय में कॉन्सिलिएशन चल रही है। इसलिए इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं है l

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भिलाई इंटक यूनियन के महासचिव एवं संयुक्त यूनियन के संयोजक वंश बहादुर सिंह ने कहा है कि प्रबंधन एक्ट की गलत व्याख्या कर कर्मचारियों को एवं जिला प्रशासन को गुमराह कर रहा था l मुख्य श्रम आयुक्त के पत्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हड़ताल पूरी तरह से वैधानिक है एवं कॉन्सिलिएशन बैठक के बीच में हड़ताल गैरकानूनी नहीं होतीl

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मुख्य श्रम आयुक्त के इस पत्र से स्पष्ट हो गया है कि प्रबंधन मनमानी करवाई कर रहा था। इस पत्र ने कर्मचारी एवं यूनियन नेताओं को एक बड़ी ताकत दी।

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वहीं, एटक के राष्ट्रीय पदाधिकारी विद्या सागर गिरी का कहना है कि सेल प्रबंधन की मनमानी पर अब विराम लगेगा। श्रम आयुक्त मामले की सुनवाई कर रहे हैं। ऐसे में फैसला हुए बगैर सेल प्रबंधन की कार्यवाई गैर कानूनी हो गई।