- सरकार से निवेदन करते हैं कि भविष्य में सोशल मीडिया के माध्यम से हमें बेवकूफ न बनाएं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization (EPFO)) और केंद्र की मोदी सरकार पर पेंशनभोगी भड़के हुए हैं। पेंशनर C Unnikrishnan ने कहा-वास्तव में यहाँ बताते हुए बहुत दुख की बात है कि हमारी वर्तमान सरकार ईपीएस पेंशनरों को सवारी के लिए ले जा रही है।
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सरकार और ईपीएफओ (Government and EPFO) हमारी मांगों पर बिल्कुल विचार नहीं कर रहे हैं। ठीक है। लेकिन कृपया सरकारी मशीनरी का उपयोग करके हमें सोशल मीडिया के माध्यम से बेवकूफ बनाना बंद करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएस पेंशनरों के पक्ष में आदेश दिया था, लेकिन आज तक हमारे पीएम या एफएम या एलएम ने इसके फैसले या प्रत्यावर्तन पर टिप्पणी करने के लिए मुंह नहीं खोला है।
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Google और कुछ अन्य चैनलों में हम जो कुछ भी देखते हैं वह सभी अलग तरह की खबरें हैं। कल भी गूगल पहले एक खबर सामने आई जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने 7500 रुपये प्लस डीए की एम/एम पेंशन को मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
थोड़ी देर बाद एक और खबर आई कि 8000 रुपये सरकार द्वारा अनुमोदित एम/एम पेंशन है और इसे अक्टूबर से लागू किया जाएगा। शाम तक सुपर सीडिंग सभी मैसेज एक और खबर आ गई। इस खबर के अनुसार 3000 रुपये सरकार द्वारा अनुमोदित एम/एम पेंशन है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
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अब हम सभी न्यूनतम पेंशन की मांग और सरकार द्वारा एससी के आदेश को लागू करने के बारे में लगभग भूल गए हैं, क्योंकि सरकार और एससी दोनों इस मुद्दे पर चुप रह रहे हैं।
पेंशनभोगी उन्नीकृष्णन ने कहा-उपरोक्त परिस्थितियों में हम सरकार से निवेदन करते हैं कि भविष्य में सोशल मीडिया के माध्यम से हमें बेवकूफ न बनाएं और तत्काल प्रभाव से झूठी उम्मीद देना बंद करें। हम में से अधिकांश इस दुनिया में अपने पिछले कुछ दिनों या महीनों की गिनती कर रहे हैं। हमें शांति से मरने की अनुमति दें। कृपया सोशल मीडिया के माध्यम से भविष्य में कोई स्पष्टीकरण न दें और हमारे साथ STRE BEGGARS की तरह व्यवहार करें।
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