- सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025। सभी इकाइयों, विभागों और खदानों में आयोजन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025 को उत्साहपूर्वक और व्यापक भागीदारी के साथ मनाया गया।
संयंत्र के ओर हैंडलिंग प्लांट (ओएचपी), सिंटर प्लांट-3, सेफ्टी इंजीनियरिंग विभाग (एसईडी), ब्लास्ट फर्नेस-8, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, स्टील मेल्टिंग शॉप-3, राजहरा खदान, डीएवी स्कूल राजहरा तथा रावघाट माइंस सहित विविध विभागों, शॉपस, स्कूलों, कार्यालयों और खदानों में योग सत्रों और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के तहत व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन के अंतर्संबंध को रेखांकित किया गया।
भिलाई निवास में मुख्य समारोह
मुख्य समारोह भिलाई निवास के बहुद्देश्यीय सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं एवं कच्चा माल) तथा निदेशक प्रभारी-अतिरिक्त प्रभार (भिलाई इस्पात संयंत्र) मनीष राज गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उनके साथ कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) ए. के. चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बिपिन कुमार गिरी, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार, कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. एम. रविंद्रनाथ, कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट) अरुण कुमार तथा अध्यक्ष (सेफी एवं ओए) एनके बंछोर, महासचिव (ओए) परविंदर सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में योग गुरुओं के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुई, जिसके पश्चात अनुभवी योग प्रशिक्षकों रणवेश सरकार एवं जीपी सिंह के निर्देशन में सुव्यवस्थित योग सत्र आयोजित किया गया। उन्होंने विभिन्न आसनों और प्राणायामों का प्रदर्शन करते हुए योग की मूलभूत विधियों को समझाया।
मुख्य अतिथि मनीष राज गुप्ता ने सत्र के समापन में योग प्रशिक्षकों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने योग को दैनिक जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया और इसे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य बताया। अंत में प्रतिभागियों द्वारा योग को जीवनशैली में अपनाने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
सुरक्षा अभियांत्रिकी विभाग की प्रातःकालीन पहल
सुरक्षा अभियांत्रिकी विभाग (एसईडी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रातः 7:00 बजे रोज गार्डन में विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 60 कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को उजागर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं) श्री देबदत्त सतपथी ने की।
इस सत्र का आयोजन महाप्रबंधक (एसईडी) एसआर. शेंडे, द्वारा किया गया, जिन्होंने स्वयं योगाभ्यास का नेतृत्व करते हुए प्रतिभागियों को विभिन्न योगासनों और प्राणायाम की विधियों का अभ्यास कराया।
सिंटर प्लांट-3 में मंदिर परिसर में योग
सिंटर संयंत्र-3 में चंद्रमौलेश्वर मंदिर परिसर में प्रातः योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सिंटर प्लांट्स) अनुप कुमार दत्त सहित सिंटर संयंत्र-2 व 3 के अधिकारी, कर्मचारी एवं संविदा कर्मी उपस्थित रहे। योग प्रशिक्षक श्री रामचंद्र वर्मा एवं श्री जितेंद्र शुक्ला ने सत्र का मार्गदर्शन किया।
दोपहर में महिला कर्मचारियों और महिला संविदा कर्मियों के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किया गया। तत्पश्चात सायं सत्र में योग पार्क में योग से संबंधित विस्तृत परिचर्चा आयोजित की गई और कार्यक्रम का समापन अंजनाद्री परिसर में प्रतीकात्मक वृक्षारोपण के साथ हुआ।
स्टील मेल्टिंग शॉप-3 (एसएमएस-3) में योग उत्सव
स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में स्थित सुरक्षा मंदिर प्रांगण में योग दिवस उल्लासपूर्वक मनाया गया। मुख्य महाप्रबंधक (एसएमएस-3) त्रिभुवन बैठा ने योग को मानवीय शरीर के लिए “रखरखाव की प्रक्रिया” बताते हुए नियमित योग को जीवन का अंग बनाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर महाप्रबंधक (एसएमएस-3) यू. एस. परगनिहा के समन्वय में योग सत्र आयोजित किया गया, जिसे नरेंद्र पटेल (ब्लास्ट फर्नेस), आर. सी. वर्मा (ओएचपी) एवं जितेंद्र शुक्ला (बीआरएम) ने संचालित किया। प्रतिभागियों ने विभिन्न आसनों व प्राणायाम का अभ्यास करते हुए मन:शांति और ताजगी का अनुभव साझा किया।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने इस अवसर पर अपने व्यापक औद्योगिक, खनन एवं प्रशासनिक परिसरों में योग को केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि एक एकीकृत सांस्कृतिक अनुशासन के रूप में अपनाने का आह्वान किया।