- टाटा स्टील अपने कर्मचारियों को संयंत्र आने जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस मुहैया करा रही है। इलेक्ट्रिक कार खरीदने में सब्सिडी देने जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। पिछले दिनों भिलाई स्टील प्लांट ने सीजीएम सहित अन्य अधिकारियों के लिए 42 नई इलेक्ट्रिक कार खरीदनी शुरू की। पर्यावरण सुरक्षा की दुहाई दी गई। अब इसी पर कर्मचारी वर्ग ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर एक झलक मार लीजिए, जहां भिलाई स्टील प्लांट के तमाम दावों की हवा निकालने वाले पोस्ट दिख जाएंगे। हर कोई बीएसपी के फैसले पर सवाल उठा रहा है। कमेंट हो रहे हैं।
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Suchnaji.com सोशल मीडिया पर वायरल इस मैसेज को प्रस्तुत कर रहा है। उसी तरह, जिस तरह बीएसपी जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी होने वाली प्रेस विज्ञप्ति को प्रसारित करता है। अब इसे कोई सिरफिरा और चाटुकार अधिकारी कंपनी की छवि खराब करने की संज्ञा देने की जहमत न उठाए…।
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सोशल मीडिया पर लिखा गया कि नई इलेक्ट्रिक कार पर्यावरण की सुरक्षा या अपनी खुद के ऐश-ओ-आराम की सुरक्षा के लिए है। कर्मचारी ने लिखा-पिछले दिनों भिलाई में सीजीएम के लिए “टाटा टिगोर” इलेक्ट्रिक कार खरीदी गई। तर्क पर्यावरण सुरक्षा का दिया गया। अब आइए थोड़ा पीछे चलते हैं। लगभग तीन-चार साल पहले…। सभी यूनिट के सीजीएम को होंडा अमेज तथा ईडी को सियाज कार लीज पर लेकर दिया गया।
अब खदीदने के बदले लीज ही क्यो? कंपनी द्वारा गाड़ी खरीदने पर मिनिमम उसको 15 साल तो चलाना ही होता। सरकारी गाड़ी का प्रयोगकर्ता 4-5 साल में उसको खटाड़ा बना देता है, बाद वाले सीजीएम और ईडी को मजबूरी में उसी गाड़ी में चढ़ना होता। इसलिए वर्तमान साहब ने भविष्य के साहबों के हितों को ध्यान में रखा कि कार बनाने वाली कंपनी से ही चार पांच साल के लीज पर ले लिया जाए, ताकि हमेशा कार का नया मॉडल पर चढ़ने का लुत्फ उठाते रहा जाए।
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कर्मचारी ने मन की बात लिखते हुए कहा-पर्यावरण सुरक्षा बहाना है, बाकि कंपनी के पैसो से खुद को आराम पहुंचाना है। 50000-100000 रुपया मे ई बाईक भी आती है। कर्मचारियों के लिए क्यों नहीं लाया जा रहा है। लाखों टन कार्बन उत्सर्जन कम होता। वहीं, टाटा स्टील अपने कर्मचारियों को संयंत्र आने जाने के लिए इलेक्ट्रिक बस मुहैया करा रही है। इलेक्ट्रिक कार खरीदने में सब्सिडी देने जा रही है।