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भिलाई स्टील प्लांट की संयुक्त यूनियन का कन्वेंशन। हड़ताल के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा।
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यूनियन नेताओं ने कहा-किस्मत हार जाए तो वो अलग बात है, लेकिन मेहनत करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे…!
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्र की मोदी सरकार और सेल प्रबंधन के खिलाफ 9 जुलाई को हड़ताल है। देशव्यापी हड़ताल में भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों को शामिल कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है। हड़ताल के प्रति कर्मचारियों का रुझान कम होने को लेकर मंथन किया जा रहा है। रविवार को इंटक कार्यालय में संयुक्त यूनियन का कन्वेंशन हुआ। एटक, एचएमएस, सीटू, एक्टू, लोइमू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इंटक ने 9 जुलाई 2025 को हड़ताल करने का नोटिस दिया है।
कन्वेंशन में इस पर बात जोर दिया गया कि कर्मचारियों को हड़ताल के एक-एक मुद्दों से वाकिफ कराया जाए। कर्मचारियों के हक की लड़ाई यूनियनें लड़ रही हैं, बावजूद कर्मचारी समर्थन में नहीं आ रहे हैं तो इसका कारण क्या है। तमाम कारणों पर बातचीत की गई। बिंदुवार मुद्दों पर काफी देर तक चर्चा के बाद तय किया गया कि कर्मचारियों के बीच सभी यूनियन के पदाधिकारी लगातार संपर्क बनाए रखें, ताकि हड़ताल को सफल किया जा सके।
मोदी सरकार कर्मचारियों के खिलाफ
यूनियन नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारियों के खिलाफ लगातार फैसले ले रही है। इसलिए हड़ताल अब जरूरी है। देश में हर तरफ तैयारियां हो रही है, यहां भी असर दिखाना है। कोल, ट्रांसपोर्ट और बीमा सेक्टर सक्रिय है। इंटक कार्यालय में हुए कन्वेंशन में इंटक से रेशम राठाैर, अजय मार्टिन, शिव शंकर सिंह, ज्ञानेंद्र पांडेय, एटक से विनोद कुमार सोनी, एचएमएस से प्रमोद कुमार मिश्र, बृजेंद्र तिवारी, लोइमू से सुरेंद्र मोहंती, सोनी, सीटू से विजय कुमार जांगड़े, जेपी त्रिवेदी, डीवीएस रेड्डी, स्टील वर्कर्स यूनियन से नंद किशोर गुप्ता,
जानिए हड़ताल के मुद्दे क्या-क्या हैं
- चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं सरकारी विभागों का निजीकरण बंद किया जाए।
- सेल और आरआईएनएल की किसी भी इकाई में कोई विनिवेश या निजीकरण ना किया जाए।
- स्थाई प्रवृत्ति के कार्य को आउटसोर्स ना किया जाए।
- सेल में लंबित वेतन समझौता जल्द पूरा किया जाए।
- बकाया 39 माह के एरियर्स का जल्द भुगतान किया जाए।
- हायर पेंशन स्कीम लागू किया जाए।
- असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिनिमम 26000 रुपए वेतन दिया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
- बोनस पात्रता पर सभी सीमाएं समाप्त की जाएं।
- ग्रेच्युटी सीलिंग समाप्त किया जाए।
- आवेदन जमा करने के 45 दिनों के भीतर ट्रेड यूनियन का अनिवार्य रूप से पंजीकरण किया जाए।
- मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण किया जाए।
- खाद्य पदार्थ दवाओ कृषि उपकरणों और मशीनरी पर जीएसटी हटाया जाए।
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लिया जाए।
- काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए।
- अमीरों पर कर लगाए, कॉरपोरेट कर बढ़ाया जाए।
- संविधान के मूल मूल्य पर हमला रोका जाए जैसे-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषा, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना आदि पर हमले रोकें।