वेलफेयर सोसायटी में पंजीकृत ठेका श्रमिकों की संख्या लगभग 27000 है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों और कांट्रेक्टर की समस्याओं को लेकर ईडी वर्क्स राकेश कुमार के साथ एक अहम बैठक हुई। ठेकेदारों ने समस्याओं का पिटारा खोला। प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
भिलाई इस्पात संयंत्र के ईडी (वर्क्स) राकेश कुमार से संयंत्र भवन सभागार में भिलाई इस्पात सयंत्र कॉन्ट्रैक्टर्स एंड लेबर वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारीयो की एक बैठक अध्यक्ष सीजू एन्थोनी के नेतृत्व में हुई।
ठेकेदारों और ठेका श्रमिकों की समस्याओं से प्रबंधन को अवगत कराते हुए कहा कि श्रमिकों के दैनिक वेतन भुगतान की दर राज्य शासन के द्वारा निर्धारित दर पर की जा रही है, जबकि संयंत्र में कार्यरत समस्त ठेकेदारों को केंद्रीय सरकार के श्रमिक नियमों का पालन करना पड़ता है।
इसके कारण ठेका श्रमिकों को प्रति माह हजारों रुपए की हानि हो रही है। वेलफेयर सोसायटी में पंजीकृत ठेका श्रमिकों की संख्या लगभग 27000 है। प्रीमियम अदायगी सोसायटी द्वारा किया जा रहा है, जिन पर भिलाई संयंत्र का अधिकतम उत्पादन निर्भर है।
ऐसे संगठित संगठन पर विभिन्न प्रकार की अनिवार्यता लागू कर प्रबंधन केवल श्रमिकों को परेशान कर रहा है। जबकि सुविधाओं के नाम पर प्रबंधन कन्नी काट लेता है, जबकि संयंत्र के टाउनशिप में हजारों की संख्या मे रिक्त आवास है, रिक्त आवासों को ठेका श्रमिक को आवंटित किए जाने की मांग की गई है। बीएसपी के अस्पतालों में ईएसआई कार्ड से चिकित्सा सुविधा प्रदान कर बेहतर चिकित्सा के विकल्प देने की मांग प्रतिनिधि मंडल ने की।
ज्ञातव्य हो कि सोसाइटी द्वारा प्रति श्रमिक 10 लाख का दुर्घटना बीमा किया गया है, जिसका प्रीमियम का भुगतान सोसायटी द्वारा किया जाता है। दुर्घटना की स्थिति मे ठेका श्रमिकों के परिवार के लिए यह बीमा राशि संजीवनी का काम करती है।
सभी सदस्यों ने एक स्वर में प्रबंधन के बायोमीट्रिक पद्धति से श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने का नियम वर्तमान मे चल रहे कार्यों की निविदा की शर्तों में नहीं है। ईडी द्वारा प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया गया कि रेट कॉन्ट्रैक्ट के क्रियान्वयन से सभी पंजीकृत ठेकेदारों को कार्य करने के समान अवसर मिलते रहेंगे।
वही, निविदा कार्यों में अंतिम भुगतान के लिए एनडीसी की जटिल उलझाऊ प्रक्रिया से भी ईडी को अवगत कराया गया। उन्होंने इस पर संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि नित नए प्रयोग से कार्य करने में व्यहवारिक बाधा हो रही है, जिसमे बायोमेट्रिक पद्धति प्रमुख है।
इस कारण श्रमिकों में असंतोष उपज रहा है, जिससे भिलाई की आद्योगिक शांति को भंग होने की आशंका बढ़ गई है। पूर्व में भिलाई इस्पात संयन्त्र के नियमित कर्मचारीयों एवं श्रमिक संगठनों ने भी बायोमेट्रिक प्रणाली का विरोध किया था।
प्रबंधन कदापि ऐसे निर्णय ना ले, जिससे श्रमिकों में कोई असंतोष उपजे।
यदि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन श्रमिक हित के लिए एक कदम आगे बढ़ाता है तो सोसायटी चार कदम आगे रहेगी। इस बैठक में प्रमुख रूप से सोसायटी के अध्यक्ष सीजू एन्थोनी, कार्यकारी अध्यक्ष त्रिलोकी सिंह, महामंत्री हितेश भाई पटेल, उपाध्यक्ष धीरज शुक्ला, नवीन सिंह, सचिव राजेश अग्रवाल, संयन्त्र के अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।