Bhilai Steel Plant के रेल मिल में सेफ्टी को नुकसान पहुंचाएगा GM का फरमान, भड़का सीटू, CGM को किया अलर्ट

GMs order will harm safety in Bhilai Steel Plants Rail Mill CITU enraged alerted CGM
  • सीटू ने रेल मिल के मुख्य महाप्रबंधक को दिया पत्र
  • बेतुके प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से ख़ारिज करने की मांग।
  • मेन पावर को लेकर इलेक्ट्रिकल अनुभाग के प्रस्ताव को तत्काल ख़ारिज करने की मांग

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के रेल मिल में प्रबंधन के एक फरमान से हड़कंप मच गया है। मैनपॉवर बढ़ाने के बजाय नई मुसीबत को दावत देने का रास्ता अपनाने की राह पर एक जीएम (GM) साहब चल पड़े हैं। कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सीटू ने मुख्य महाप्रबंधक से मिलकर ज्ञापन सौंप दिया है।

सीटू (Citu) की टीम ने रेल मिल (Rail Mill) के मुख्य महाप्रबंधक से मुलाक़ात कर पत्र दिया है। सीटू प्रतिनिधि मण्डल मे केके देशमुख, रमेश दास खड़ग, डीवीएस रेड्डी शामिल थे।

यूनियन के संज्ञान में यह बात आई है कि रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल के इलेक्ट्रिकल विभाग के एक महाप्रबंधक ने दिन पर दिन कम हो रहे मैनपावर को देखते हुए अपने इलेक्ट्रिकल अनुभाग के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत रेल मिल में मैकेनिकल एवं आपरेशन में वर्षों से कार्यरत ऐसे कर्मी, जिन्होंने इलेक्ट्रिकल मे आईटीआई या डिप्लोमा किया हो, उन्हें रेल मिल के इलेक्ट्रिकल विभाग को सौंपा जाए।

ये खबर भी पढ़ें: सड़क हादसे में बीएसपी के मजदूर की मौत, इधर-सेक्टर 5 में कर्मचारी जख्मी, अस्पताल में भर्ती

यह योजना सुनने में तो अच्छी लग सकती है, लेकिन यह कहीं से भी तर्क संगत और न्यायसंगत नही है, क्योंकि इस के लागू करने से मैनपावर की कमी तो दूर नहीं होगी, बल्कि दक्ष लोगों की आपरेशन एवं मैकेनिकल अनुभाग में कमी हो जाएगी।

ज्ञात हो कि एक समय में जब एक शिफ्ट में 300 ब्लूम की रोलिंग हुआ करती थी, उस समय से लेकर आज तक आपरेशन, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एंव ल्यूब्रिकेशन ये चार पहिये है, जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर रेल मिल के उत्पादन मे भरपूर योगदान दिया है।

ये खबर भी पढ़ें: Breaking News: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सेल का लाभ 273% बढ़ा, अमरेंदु प्रकाश बोले…

मैकेनिकल अनुभाग भी ऐसी मांग करे तो होगी अफरा-तफरी

सीटू (CITU) नेताओं ने कहा कि प्रबंधन ने अगर इस तरह की प्रक्रिया को अपनाया तो आने वाले दिनों में अगर मैकेनिकल के कोई महाप्रबंधक कहेंगे कि जितने फिटर, टर्नर, वेल्डर एवं मशिनिस्ट हैं, उन्हें मैकेनिकल अनुभाग को सौंप दिया जाए, तो फिर आपरेशन में कौन से ट्रेड और ब्रांच के कर्मी बच पायेंगे।

आपरेशन में तो सामान्यतः शुरू से ही फिटर, इलेक्ट्रिशन, टर्नर, वेल्डर सहित सभी ट्रेड के कर्मी कार्यरत हैं, क्योंकि इन्हीं ट्रेड या ब्रांच में पढ़ाई किए हुए लोगों की संयंत्र में भर्ती होती है। अगर ऐसा ही इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई किए हुए इलेक्ट्रिकल अनुभाग में और मैकेनिकल की पढ़ाई किए हुए मैकेनिकल अनुभाग में चले जाते हैं तो फिर आपरेशन के लिए कोई बचेगा ही नहीं। इसी बात को संज्ञान मे लेते हुए संयंत्र के सभी विभागों मे अभी तक भर्ती होती रही है।

ये खबर भी पढ़ें: BSP ने पूर्व DGM लक्ष्मण बावने से जबरन मकान कराया खाली, प्रशासनिक अधिकारी को देने की तैयारी, कानूनी लड़ाई शुरू

हर अनुभाग में आवश्यक है दक्ष कर्मी

मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए भेदभाव पूर्ण तरीका ना अपनाया जाना चाहिए, क्योंकि आज रेल मिल के सभी अनुभाग मैनपावर की कमी से जूझ रहे हैं। पीआरडब्ल्यू के सहारे चल रहे हैं। अगर आज आपरेशन से कर्मी ले जाएंगे तो वहां पीआरडब्ल्यू देना होगा, जोकि बिल्कुल भी दक्ष नहीं होंगे। रेल मिल में आपरेशन में मूलतः क्रेन आपरेटर्स, पुलपिट आपरेटर्स, रि हिटर्स आदि आते है, जिनका दक्ष होना सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद जरूरी है।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: दुनिया की सबसे लंबी रेल पटरी बनाने वाले URM में 5MT प्राइम रेल प्रोडक्शन का रिकॉर्ड, हुई दावत

मंत्रालय लगातार कह रहा है कर्मियों को घटाने की बात

बीएसपी (BSP) प्रबंधन हमेशा इस बात को कहता है कि मैनपॉवर घटाने के लिए मंत्रालय का दबाव है। किन्तु यह बात अच्छे से समझना होगा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकांश विभाग पुराने एवं मैनुअल फंक्शन वाले हैं। जहां मैनपावर कम करना सुरक्षा के दृष्टि से ठीक नहीं है।

ऐसे में मैनपावर ना मिलने से कैसे भी मिल चलाने के लिए इस तरह के प्रस्ताव आते है, जो सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए इस बेतुके होते हैं। जिन्हे तत्काल प्रभाव से ख़ारिज कर देना चाहिए और मैनपावर की कमी को देखते हुए रेल मिल स्तर पर कार्य योजना तैयार किया जाना चाहिए, जिसका यूनियन भी पूरा सहयोग करेगी।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई टाउनशिप में कब्जेदार की गुंडई पर ट्रेड यूनियनआफिसर्स एसोसिएशन भड़काबड़ी प्लानिंग