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एनजेसीएस यूनियनों के साथ संयंत्र में कार्यरत अन्य सभी यूनियनों ने इस मजदूर विरोधी बोनस फार्मूले को मानने से मना कर दिया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुए बैठक में इस बात को स्पष्ट रूप से कहा गया था कि अफॉर्डेबिलिटी क्लाज़ का पालन होगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के आह्वान पर शुक्रवार को सेल के सभी इकाइयों में कर्मियों के वेतन समझौता से जुड़े लंबित मुद्दों का निराकरण करने एवं मौजूदा बोनस फार्मूला को रद्द कर सम्मानजनक वार्षिक बोनस/एपीएलआईएस पर नए सिरे चर्चा करने हेतु एनजेसीएस की जल्द से जल्द बैठक की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया, जिसके तहत भिलाई में हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू ने बोरिया गेट पर प्रदर्शन कर औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से सेल अध्यक्ष को पत्र दिया।
108 माह में भी पूरा नहीं हुआ वेतन समझौता
सीटू अध्यक्ष विजय जांगड़े में कहा कि 108 महीने बीत जाने के बाद भी सेल के विभिन्न इकाइयों में कार्यरत कर्मियों का 01/01/2017 से लागू होने वाले वेतन समझौता से जुड़े कई मुद्दे जैसे 39 माह का एरियर्स, एच आर ए, एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पर्क्स का एरियर्स, एच ए पर्क्स पर आय कर में छूट इत्यादि का अभी तक निराकरण नहीं हुआ है, जिस पर चर्चा के लिए एनजेसीएस की तत्काल बैठक बुलाने की आवश्यकता है।
एरियर्स हक है, जिसे लेकर रहेंगे
सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा थोपे गए अफॉर्डेबिलिटी क्लाज़ के चलते प्रबंधन ने 39 महीना पूरा होते तक अर्थात मार्च 2020 तक एनजेसीएस बैठक ही नहीं बुलाया।
क्योंकि वेतन समझौता को लेकर 22 नवंबर 2017 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुए बैठक में इस बात को स्पष्ट रूप से कहा गया था कि अफॉर्डेबिलिटी क्लाज़ का पालन करते हुए ही वेतन समझौता किया जाए, जिसमें यह बात उल्लेखित है कि कम्पनी के 3 साल तक लाभ की स्थिति में रहने के बाद ही वेतन समझौता किया जा सकता है।
इसी का हवाला देते हुए प्रबंधन कर्मियों के 39 महीने के हक का पैसा नहीं देना चाहती है किंतु हम हर हाल में अपने एरियर्स को लेकर रहेंगे
नहीं लड़े तो प्रबंधन हमेशा के लिए बना देगा नियम
सीटू नेता ने कहा कि यदि एरियर्स के लिए नहीं लड़े तो प्रबंधन इसे फार्मूला बनाकर छोड़ देंगे, जिससे हर बार वेतन समझौता में कुछ साल देरी करेगा एवं उस अवधि का पैसा नहीं देगा और उस एरियर्स के पैसे की बात कहने पर कह देगा कि पहले भी तो नहीं दिया जाता रहा है। इसीलिए प्रबंधन को ऐसे किसी भी फार्मूला को नहीं बनाने देना है ताकि भविष्य में भी एरियर्स के लिए इन कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े।
रद्द करें मजदूर विरोधी बोनस फार्मूला
यूनियन का कहना है कि सर्वसम्मति की परिपाटी को ताक पर रखकर प्रबंधन द्वारा तैयार करवाए गए मजदूर विरोधी बोनस फार्मूला को एनजेसीएस के सभी यूनियनों ने रद्द करने की मांग की है। बावजूद इसके प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहा है।
एनजेसीएस यूनियनों के साथ संयंत्र में कार्यरत अन्य सभी यूनियनों ने इस मजदूर विरोधी बोनस फार्मूले को मानने से मना कर दिया है। ऐसे में प्रबंधन के द्वारा बैठक बुलाकर बोनस फार्मूला पर नए सिरे से बातचीत किया जाना है एवं सम्मानजनक वार्षिक बोनस/एपीएलआईएस तय करना चाहिए, किंतु अभी तक प्रबंधन ने इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की है।