सूचनाजी न्यूज, दुर्गापुर। सेल कर्मचारियों के नाम पर विरोध-प्रदर्शन पर भी सियासत शुरू हो गई है। कर्मचारियों को साधने के लिए एटक ने प्रदर्शन किया। इस पर पलटवार करते हुए विरोधी यूनियन ने कटाक्ष करने शुरू कर दिए हैं। यहां तक बोल दिया कि दुर्गापुर स्टील प्लांट में एटक से सम्बद्ध यूनियन डीएसपी के कर्मचारियों को ही नहीं, पूरे सेल के कर्मचारियों को मूर्ख बनाने का काम कर रही है।
यह एक हास्यास्पद विषय है कि जो यूनियन एनजेसीएस जैसे बड़े फोरम में बैठकर पांच केन्द्रीय श्रम संगठनों के शीर्ष नेतृत्व के बीच पर्क्स पर 28% पर बनी आम सहमति को ठुकरा कर चंद स्वार्थ में आकर प्रबन्धन के बहकावे में एमओयू हस्ताक्षर कर, ऐतिहासिक बताया। और वही यूनियन आज प्रदर्शन कर, S 12 और S 13 के पे स्केल की मांग कर रही है।
श्रमिक नेता ऋषिकेश कुमार सिंह ने कहा कि हस्ताक्षर करने के पहले देखा क्या कि एमओयू में क्या लिखा है? बहुत ही नाटकीय ढंग से धरना प्रदर्शन और नारेबाजी करके कर्मचारियों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है।
एमओयू के आधार पर कुछ भी मिलने वाला नहीं है। कर्मचारियों को इन हस्ताक्षर करने वाली यूनियनों से पूछना चाहिए कि एमओयू आप हस्ताक्षर किए एमओए कौन करेगा। उसके लिए प्रबन्धन पर दबाव क्यों नहीं बनाया जा रहा है। एमओयू को सभी को पढ़ना चाहिए और अपने अधिकार के लिए दबाव बनाना ही चाहिए। कर्मचारियों के अधिकार को दबाने के लिए प्रबन्धन से अधिक एमओयू हस्ताक्षर करने वाली यूनियन और इसके नेतृत्व दोषी हैं।
किसी यूनियन ने सीधा हस्ताक्षर किया है तो एक यूनियन इस एमओयू के उप समिति में चर्चा कर पे स्केल पर सहमति देते हुए हस्ताक्षर किया है। ऋषिकेश कुमार का कहना है कि समय परिवर्तन के साथ कर्मचारी अपने हितैषी को पहचानने में भूल नहीं कर सकते, नहीं किसी के गलत बयानबाजी के झांसे में आने वाला है। यह धरना प्रदर्शन कहीं राजनीति का हिस्सा तो नहीं है।