- एनजेसीएस में सिर्फ प्लांट की बातें होती हैं, खदान का जिक्र तक नहीं होता है। खदान के कार्मिकों के दासा (DASA) पर ही हमला बोल दिया गया है। सेल के कर्मचारियों का आधा-अधूरा वेतन समझौता है।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के कर्मचारियों के बकाया 39 माह के एरियर, दासा और एनजेसीएस को लेकर मामला तूल पकड़ने जा रहा है। नॉन एनजेसीएस फोरम ने सेल प्रबंधन को घेरने के लिए बड़ी तैयार कर ली है।
झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही याचिका दायर की जाएगी। कर्मचारी हित में सेल प्रबंधन का फैसला न होने से आक्रोश बढ़ता ज रहा है। एनजेसीएस (NJCS) को भंग करने की मांग की जाएगी। प्रबंधन से इस बारे में कई बार मांग की गई, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है।
इसलिए कोर्ट से मदद मांगी जाएगी। सेल (SAIL) कर्मचारियों की मांगों को लेकर बरती जा रही ढिलाई के खिलाफ नॉन एनजेसीएस फोरम एक बार फिर से सक्रिय होने जा रहा है। एनजेसीएस यूनियनों और प्रबंधन के रवैये को देखते हुए वेट एंड वॉच की स्थिति के बाद अब नॉन एनजेसीएस फोरम ने बड़ा दाव खेलने का फैसला किया है।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू के महासचिव राजेंद्र सिंधिया ने सूचनाजी.कॉम से बातचीत के दौरान कहा कि हाईकोर्ट जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। एनजेसीएस के गठन और उसकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
एनजेसीएस में सिर्फ प्लांट की बातें होती हैं, खदान का जिक्र तक नहीं होता है। खदान के कार्मिकों के दासा (DASA) पर ही हमला बोल दिया गया है। सेल के कर्मचारियों का आधा-अधूरा वेतन समझौता है। 39 माह के बकाया एरियर को लेकर प्रबंधन ने मुंह फेर लिया है। इसलिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
राजेंद्र सिंधिया के मुताबिक नॉन एनजेसीएस फोरम के सदस्यों के बीच वार्तालाप चल रहा है। नॉन एनजेसीएस फोरम में आरआइएनएल के मस्तान अप्पा के नेतृत्व में स्थानीय यूनियन, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, बीएसपी वर्कर्स यूनियन, बोकारो से जेएमएम, सेलम से रविचंद्रन के नेतृत्व वाली यूनियन, विश्वेश्वरैया वेलफेयर एसोसिएशन, राउरकेला की यूनियन शामिल है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता का कहना है कि नई रूप रेखा तैयार की जा रही है। प्रबंधन धोखा कर रहा है। 39 माह के बकाया एरियर पर कर्मचारियों का हक है। प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। एनजेसीएस यूनियन चुनाव में दारू-मुर्गा से कर्मचारियों को प्रभावित कर लेते हैं। इसलिए अब प्रबंधन के खिलाफ नॉन एनजेसीएस यूनियनें एकजुट होकर लड़ाई लड़ने जा रही है।
दूसरी ओर राज्यसभा सदस्य डोला सेन से झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू के संयुक्त महामंत्री सुनील कुमार पासवान ने मुलाकात की थी। बकाया एरियर और दासा पर चर्चा किया था। सेल के खदानों में दासा कटौती कर भुगतान किया जा रहा है। इसे 10 प्रतिशत भुगतान करने की मांग की जा रही है। ज्ञात हो कि सांसद डोला सेन श्रम मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की सदस्य हैं और मंत्रालय में चर्चा की बात कही है।