- सेक्टर 9 अस्पताल में ऑनलाइन दवा वितरण एवं एंट्री सिस्टम से सम्बंधित समस्याओं का निराकरण करने का सुझाव दिया था।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने कर्मचारियों को एक और राहत दिलाई है। सेक्टर 9 हॉस्पिटल में दवाइयों के लिए लगने वाली लंबी लाइन से अब छुटकारा मिल गया। अब सभी काउंटर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दवाई उपलब्ध होगी। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। सीटू ने उच्च प्रबंधन को झकझोरा था। इस पर आधारित खबर सूचनाजी.कॉम में ‘सेक्टर 9 हॉस्पिटल अव्यवस्था से बीमार, ऑनलाइन दवाई की लंबी लाइन, ठोकर खा रे मरीज़’ शीर्षक से प्रसारत किया था। अब हॉस्पिटल प्रबंधन ने सभी काउंटरों को सामान्य कर दिया है।
सेक्टर 9 अस्पताल अलग-अलग ओपीडी में डाक्टरों द्वारा मरीजों को ऑनलाइन दवा लिखने की व्यवस्था शुरू किया गया है। और इसका विस्तार भी किया जा रहा है। लेकिन फार्मेसी में ऑनलाइन दवा वितरित करने का एक काउंटर था, जिसे बढ़ा कर चार किया गया था एवं चार काउंटर ऑफलाइन दवाई वितरित कर रहे थे।
मरीज अलग-अलग ओपीडी में डाक्टर को दिखाने पर एक डाक्टर ऑनलाइन दवा लिखने एवं दूसरे डाक्टर ऑफलाइन स्लिप में दवा लिखने पर मरीज को अलग-अलग काउंटर में घंटों लाइन लगाना पड़ता था। इसीलिए सीटू ने अस्पताल प्रबंधन से मांग किया था कि अस्पताल में हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम को पूरी तरह से स्थापित करते तक सभी काउंटरों से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दवाइयां के वितरण की व्यवस्था किया जाए, जिसे संज्ञान में लेकर प्रबंधन ने सभी काउंटरों में ऑनलाइन ऑफलाइन दवाई वितरण की व्यवस्था को शुरू कर दिया है। जिससे कर्मियों की समस्या कम होने लगी है। इसके लिए सीटू ने अस्पताल प्रबंधन का धन्यवाद किया है।
काउंटर को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन करने सीटू ने दिया था 14 अगस्त को पत्र
भिलाई इस्पात संयंत्र अस्पताल में तेजी से हो रहे ऑनलाइन सिस्टम के मद्देनजर उभर के आ रही खामियों को दूर करने के लिए सीटू ने 14 अगस्त 2025 को कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं) को पत्र लिखकर कहा था कि सीएंडआईटी विभाग से बात करके सेक्टर 9 अस्पताल में ऑनलाइन दवा वितरण एवं एंट्री सिस्टम से सम्बंधित समस्याओं का निराकरण किया जाए, जिससे मरीजों और अस्पताल में कार्यरत फार्मेसी कर्मचारियों की परेशानी दूर हो सके। सभी काउंटर से ऑनलाइन और ऑफलाइन स्लिप द्वारा दवाई देने की व्यवस्था किया जाए।
क्या होता है हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम
सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी ने बताया कि इसे हम एचआईएमएस अर्थात हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम कहते हैं। यह अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली है यह एक व्यापक सॉफ्टवेयर समाधान है जिसका उपयोग स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं द्वारा उसके संचालन की विभिन्न पहलुओं को प्रबंध करने के लिए किया जाता है, जिसमें रोगी रिकॉर्ड, अपॉइंटमेंट, बिलिंग और इन्वेंट्री शामिल है।
इस सिस्टम के पूरी तरह से लागू होने पर अस्पताल में पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगा। इस सिस्टम के द्वारा अस्पताल की विभिन्न विभागों और कार्यों को एक डिजिटल प्लेटफार्म में एकीकृत किया जा सकेगा जिससे अस्पताल के कार्य प्रवाह को डिजिटल और सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ अस्पताल के भीतर दक्षता, सटीकता और संचार में व्यापक सुधार होगा। इसके लिए व्यापक सॉफ्टवेयर के साथ-साथ उच्च क्षमता वाले सर्वर का होना आवश्यकता है।
सीटू ने दुरुस्त करने को कहा था दवाइयों की ऑनलाइन एंट्री सिस्टम को
सीटू नेता ने बताया कि अस्पताल के सेंट्रल फार्मेसी एवं विभिन्न हेल्थ सेंटर के फार्मेसी द्वारा सेंट्रल मेडिकल स्टोर से दवाई लाकर दवाई को स्वैप द्वारा हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम में एंट्री किया जाता है एवं मरीजों को दवा वितरित करने के बाद वितरित दवाइयां को एंट्री करने पर सिस्टम से दवाई कम होने लगता है।
किंतु सिस्टम में गड़बड़ी होने के कारण सेंट्रल मेडिकल स्टोर से लाई हुई दवाइयां स्वैप द्वारा हॉस्पिटल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम में एंट्री नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण वितरित की जा रही दवाईयों की एंट्री भी बंद हो गई थी। दवाइयों के हिसाब रखने में दिक्कतें आ रही थी। इस हेतु सी एंड आई टी के मुख्य महाप्रबंधक से भी सीटू की टीम ने मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की थी।
कैसे लिखे जाते हैं ऑनलाइन दवाइयां
सीटू नेता ने बताया कि हर मरीज के नाम से एक सीआरएन नंबर बनाया जाता है, जिसे ओपीडी बुक के सामने के पन्ने में दर्ज कर दिया जाता है, जिसे खोलकर डॉक्टर मरीज को किया जाने वाला इलाज एवं दवाईयों को एंट्री करते हैं। फार्मेसी काउंटर में फार्मासिस्ट कंप्यूटर में सी आर एन नंबर खोल कर दवाइयां वितरित करते हैं मौजूदा समय में लगभग सभी ओपीडी में ऑनलाइन दवाइयां लिखी जा रही है। वार्ड में ऑनलाइन सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। कभी-कभी ऑनलाइन सिस्टम गड़बड़ होने पर ऑफलाइन पर्ची पर दवाई लिखकर दे दिया जाता है।