Ambedkar Jayanti 2024: डीआईसी से कर्मचारी तक सबने दिया मान, जेएन ठाकुर, डाक्टर उदय को मिला अम्बेडकर सम्मान

संयंत्र बिरादरी ने डॉ आम्बेडकर को अर्पित किए श्रद्धासुमन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के औद्योगिक संबंध विभाग, ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ एवं बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में सेक्टर 6 स्थित डॉ भीमराव आम्बेडकर भवन, हायर सेकंडरी स्कूल के प्रांगण में डॉ भीमराव आंबेडकर की 133 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने डॉ आंबेडकर की प्रतिमा को पुष्पांजलि देकर इस्पात बिरादरी की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

जयंती समारोह में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार मुख्य अतिथि के रूप में और कार्यपालक निदेशक (रावघाट) समीर स्वरुप एवं कार्यपालक निदेशक (माइंस) बीके गिरी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इसके साथ ही संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवाएं एवं सीएसआर) जेवाई सपकाले और मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) संदीप माथुर, सेफी के चेयरमैन और ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एनके बंछोर, महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध विभाग, ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ) जेएन ठाकुर, बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष कोमल प्रसाद और महासचिव विजय कुमार रात्रे विशेष रूप से मंचासीन थे। परम्परागत रूप से डॉ आंबेडकर की चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही समारोह का शुभारंभ हुआ।

शिक्षित रहो, संघर्ष करो और संगठित रहो का नारा

कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार ने डॉ भीमराव जी का स्मरण करते हुए कहा, कि आज उनका जन्मदिन है और सिर्फ इसलिए हम उनका स्मरण करें यह सही नहीं है। आंबेडकर जी का स्मरण और उनकी बताई हुई शिक्षा को हमें हमेशा याद करना चाहिए।

उनका स्मरण हर दिन करना चाहिए, यही उनको एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि इस देश में जितने भी श्रम कानून और समाज अधिकार के लिए बनने वाले कानून है, वह डॉ आंबेडकर जी की ही देन है। वे हमेशा समान अधिकार के लिए प्रयासरत रहे हैं इसलिए उन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए।

डॉ आंबेडकर ने शिक्षित रहो, संघर्ष करो और संगठित रहो का नारा दिया था। पवन कुमार ने कहा, शिक्षा का दिया जला कर ही हम उनको अपनी सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

एक बेहतर इंसान बनाने की कोशिश होनी चाहिए

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (माइंस) बीके गिरी ने आंबेडकर का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने वर्ण व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा, कि डॉ अम्बेडकर ने भी इस दिशा में काफी प्रयास किया था। हमे भी आने वाली पीढ़ी को जो भारत का भविष्य है, उन्हें इससे पृथक रखने का प्रयास करना चाहिए और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने की कोशिश होनी चाहिए।

एसोसिएशन के अध्यक्ष कोमल प्रसाद ने ये कहा

बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष कोमल प्रसाद ने सम्बोधित करते हुए कहा, कि आज हम बाबा साहब की 133 वीं जयंती मना रहे हैं।

कोमल प्रसाद ने भिलाई इस्पात संयंत्र एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन को संयंत्र से मिलने वाले सहयोग की चर्चा करते हुए, एक लाइब्रेरी कम संग्रहालय बनाए जाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने संयंत्र से और भी सहयोग की अपेक्षा करते हुए प्रबंधन का आभार व्यक्त किया।

डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला

प्रारम्भ में संदीप माथुर ने समारोह में सबका अभिनंदन और स्वागत करते हुए भारतीय समाज में डॉ आंबेडकर के योगदान का स्मरण कर आदरांजलि अर्पित की।

इसके बाद सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर 10 की छात्रा श्रणया दास ने हिंदी में और समीक्षा झा ने अंग्रेजी में विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक एवं भारत के संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला।

एसोसिएशन की स्मारिका “नया सवेरा” का विमोचन

इस मौके पर अतिथियों द्वारा, बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन की स्मारिका “नया सवेरा” का विमोचन किया गया। इसी कड़ी में एससी/एसटी के मेधावी बच्चों का सम्मान किया गया। इसमें नम्रता मोहे, प्रेरणा तारमजी, नमिता, एकता ध्रुव और मेघराज तारमजी को मेधावी बच्चों के रूप में सम्मानित किया गया।

इन अधिकारियों को मिला सम्मान

इस अवसर पर बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन और भिलाई इस्पात संयंत्र के द्वारा संयुक्त निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ उदय कुमार को डॉ भीमराव आंबेडकर की फिल्म में कार्य करने और डॉ आंबेडकर के व्यक्तित्व को सार्थक करने के लिए “डॉ आंबेडकर सम्मान 2024” से तथा बीएसपी एससी/एसटी कर्मचारी एसोसिएशन ने भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध विभाग, ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ) जेएन ठाकुर को “डॉ आंबेडकर सम्मान 2024” से सम्मानित किया।

इस पूरे कार्यक्रम का कुशल संचालन सुप्रियो सेन द्वारा किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन एसके केसकर द्वारा दिया गया।