- जोनल संयोजक के लिए नेत्रपाल एवं उपसंयोजक के लिए राजेश तिवारी को सम्मेलन ने सर्वसम्मति से चुन लिया गया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट के कोक ओवन एवं कोल केमिकल विभाग का जोनल सम्मेलन सीटू कार्यालय में संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता विजय कुमार जांगड़े ने की। दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि देने के बाद सम्मेलन में उपस्थित साथियों ने परिचय दिया तत्पश्चात सीओ-सीसीडी के सचिव डॉक्टर गिरधर चंद्रा ने सम्मेलन के समक्ष पिछले तीन वर्षों के कामकाज की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर साथियों ने अपनी राय को रखकर रिपोर्ट को समृद्ध बना कर पारित किया।
चर्चा के दौरान उठाए गए कई महत्वपूर्ण मुद्दे
चर्चा के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि सीटू में सदस्यता संगठन का बुनियाद होता है जिसे योजनाबद्ध तरीके से बढ़ना होगा। मैनपॉवर लगातार कम हो रहा है इसके बारे में उच्च प्रबंधन से बात करना होगा। हम मान्यता में रहते हुए क्या-क्या काम किए थे उसे बार-बार लोगों के बीच बताना होगा जिससे लोगों का यूनियन के प्रति विश्वास और मजबूत होगा क्योंकि लोग जानते हैं कि सीटू कभी झूठ नहीं बोलता है सेफ्टी कमेटियां बनाकर काम करना होगा।
11 सदस्य वाली जोनल कमेटी का गठन
डॉ गिरधर चंद्रा ने जोनल समिति हेतु 11 सदस्यों के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे चर्चा पश्चात सर्वसम्मति से चुन लिया गया। जोनल समिति सदस्यों में नेत्रपाल बरमन, विजय कुमार जांगड़े, डी यल्ला राव, एस एस हुसैन, सुनील सोनवानी, पी जनार्दन, राजेश तिवारी, लोकेश साहू, रवि नंद, कोमल सुरीन, एम एस बेग शामिल है।
जोनल संयोजक के लिए नेत्रपाल एवं उपसंयोजक के लिए राजेश तिवारी को सम्मेलन ने सर्वसम्मति से चुन लिया, तत्पश्चात 19 वें त्रय वार्षिक सामान्य सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया एवं अंत में 19 वें त्रै वार्षिक सामान्य सम्मेलन में चुनी जाने वाली कार्यकारिणी समिति में चुने जाने के लिए जोन की ओर से नामित करने हेतु पांच सदस्यों का चुनाव किया गया।
संयंत्र का महत्वपूर्ण विभाग है सीओ एवं सीसीडी
महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कोक ओवन एवं कोल केमिकल डिपार्टमेंट भिलाई इस्पात संयंत्र के महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। यहां पर कोकिंग कोल को कोक में बदल जाता है, जिसका उपयोग ब्लास्ट फर्नेस में हाट मेटल बनाने के लिए किया जाता है।
कोक बनाते समय गैस एवं बाय प्रोडक्ट निकलते हैं, जिसमें से गैस का उपयोग बिजली बनाने और संयंत्र की विभिन्न विभागों में रिहीटिंग फर्नेस में किया जाता है तथा बाय प्रोडक्ट को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजार कर नैप्थलीन, डामर, सल्फ्यूरिक एसिड आदि निकाला जाता है।













