- भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र देगा।
- ठेकेदार की तरफ से 1 लाख रुपए कैश राहत के रूप में दे दिया गया है।
- बुधवार सुबह 10 लाख रुपए इंश्योरेंस राशि का भुगतान किया जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट में शुक्रवार को एसएमएस 2 प्रोजेक्ट एरिया में मजदूर की मौत हुई थी। मंगलवार को एसपी 3 में हाइवा ने मजदूर को रौंदकर मौत के घाट उतार दिया। एक के बाद एक हादसे से हर कोई हैरान है। एसपी 3 में साइकिल सवार ठेका कंपनी के कम्प्यूटर ऑपरेटर हर्षवर्धन निषाद की मौत के बाद इस्पात भवन के सामने परिजनों ने हंगामा किया।
दो घंटे तक बवाल के बाद माहौल को शांत करने का दावा किया गया। सड़क से हटने के बाद रिश्तेदार थाने पहुंचे। यहां विधायक देवेंद्र यादव को भी बुलाया गया। विधायक देवेंद्र यादव की इंट्री होते ही मामला तूल पकड़ लिया।
एसडीएम और भट्ठी थाना टीआई की मौजूदगी में विधायक ने बीएसपी अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी जॉब लेटर दिया जाए,उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि नौकरी तय समय में दी जाएगी। पूर्व के रामकुमार ध्रुव और विकास वर्मा केस को याद दिलाया गया।
विधायक ने आपत्ति दर्ज कराई कि बिना इंश्योरेंस के ठेकेदार कैसे लेबर को अंदर ले जा रहे हैं। बीएसपी प्रबंधन कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। ठेकेदारों पर एफआइआर दर्ज क्यों नहीं कराया जा रहा। जिला प्रशासन ने कहा-हम नोटिस दे रहे हैं।
इधर-थाने में विधायक और बीएसपी अधिकारी में बहस
एसडीएम की ओर से बीएसपी प्रबंधन को फोन करके जिम्मेदार अधिकारी को थाने पर बुलाया गया। बीएसपी की तरफ से जीएम विकास चंद्रा पहुंचे। वहां अनुकंपा नौकरी के पत्र और मुआवजा को लेकर बात शुरू हुई। पूर्व की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए बातचीत होने लगी। मामला गरमा गया। काफी देर तक बहस हुई। शोर-शराबा हुआ।
विधायक देवेंद्र यादव और राजेंद्र परगनिहा ने चेतावनी भरे शब्दों का प्रयोग किया। फिलहाल, बताया जा रहा है कि ठेकेदार की तरफ से 1 लाख रुपए कैश राहत के रूप में दे दिया गया है। बुधवार सुबह 10 लाख रुपए इंश्योरेंस राशि का भुगतान किया जाएगा। बीएसपी अनुकंपा नियुक्ति का पत्र देगा।
जीएम संजय द्विवेदी ने ऐसे की हाइवा और चालक की पहचान
एसपी 3 हादसे के आरोपी हाइवा चालक की पहचान कर ली गई है। उतई का रहने वाला है। मैप एनर्जी की गाड़ी है। हाइवा को चालक कृष्ण कुमार ठाकुर चला रहा था। समाचार लिखे जाने तक चालक फरार था। पुलिस छापेमारी कर रही थी।
बीएसपी के एसपी 3 के कर्मचारियों ने बताया कि आरोपित हाइवा चालक की पहचान कराने में जीएम संजय द्विवेदी की बहुत बड़ी भूमिका रही है। एसपी 3 में ईआरसी एरिया में सीसी रोड बिल्डिंग तक जाती है। कच्ची रोड पर हाइवा ने अचानक से लेफ्ट टर्न किया, जिसकी चपेट में साइकिल सवार हर्षवर्धन आया। रफ्तार में टर्न करने से धूल उड़ी और चालक गाड़ी लेकर आगे बढ़ गया। उसे अंदाजा हो गया था कि हादसा हो गया है।
लेकिन, वह करीब डेढ़ सौ मीटर दूर गाड़ी खड़ी करके भाग गया। गाड़ी में चाबी लगी रही। जिस प्वाइंट पर हादसा हुआ, वहां से गाड़ी की तलाश शुरू हुई। जीएम संजय द्विवेदी खुद आगे बढ़े। तलाश करते हुए एक हाइवा तक पहुंच गए।
सड़क किनारे खड़ी हादसा का इंजन गर्म रहा। टिफिन बाक्स उसमें रखा था। खाना भी पूरा भरा था। लेकिन, चालक लापता था। गाड़ी नंबर से सुपरवाइजर को बुलाया गया। वह पूरे मामले को घुमाता रहा। तब तक ईडी वर्क्स राकेश कुमार भी मौके पर पहुंचे। ईडी को भी सुपरवाइजर गुमराह करता रहा। इसके बाद पुलिस बुलाकर सुपुर्द किया गया। तब जाकर सारी सच्चाई उजागर हुई और चालक की पहचान हो सकी।












