
- चेतावनी-नियम विरुद्ध कार्य किया गया तो भिलाई का माहौल शांत नहीं रहेगा। सेवा को किसी तरह से भी वसूली का गढ़ नहीं बनने देंगे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों और अधिकारियों की संस्था स्टील इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन-सेवा (Steel Employees Welfare Association-SEWA) को लेकर बड़ी खबर आ रही है।
बैकडोर से प्रतिनिधियों की इंट्री का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन बीएमएस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीएसपी की यूनियनों ने इसकी लिखित शिकायत सेल कारपोरेट आफिस और बीएसपी उच्च प्रबंधन से की है। पर्सनल विभाग को लपेटे में लेते हुए यूनियनो ने खुली धमकी दे दी है कि अगर, किसी को सेवा में लेने-देने के सहारे घुसाया गया तो हंगामा होना तय है।
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साल 2018 से बड़ा हंगामा होगा। तत्कालीन सीजीएम पर्सनल एके पंडा को घेर लिया गया था। राजेंद्र परगनिहा ने मंच पर बवाल काटा था। बीएसपी की ज्यादातर यूनियनों ने एकजुटता दिखाई थी। नवंबर में चुनाव कराने की बात कही गई थी। लेकिन, आज तक चुनाव नहीं हो सका है।
इसी को लेकर प्रबंधन को ब्लैक मेल किया जा रहा है कि राज्य में हमारी सरकार है। अगर, हमारे 3 सदस्यों को सेवा का सदस्य नहीं बनाया गया तो बीएसपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी जाएगी। ब्लास्ट फर्नेस, पर्सनल और टीएंडडी जोन के सेवा प्रतिनिधि रिटायर हो चुके हैं।
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बीएसपी और सेल प्रबंधन (BSP and SAIL Management) से शिकायत करने वाले श्रमिक नेताओं ने सूचनाजी.कॉम (Suchnaji.Com) को बताया कि बीएमएस की मान्यता समाप्त हो चुकी है। बावजूद, एक गुट के नेता प्रबंधन पर दबाव डाल रहे हैं कि उनकी यूनियन के 3 प्रतिनिधियों को सेवा में शामिल किया जाए।
श्रमिक नेता क मुताबिक बीएसपी में सेवा 10 जोन में विभाजित है। 3 जोन के प्रतिनिधि रिटायर हो चुके हैं। पर्दे के पीछे प्रबंधन से मांग हो रही है कि यूनियन के नेताओं का नाम जोड़ दीजिए। नियम यह है कि जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर ही फैसला लिया जाता है। जबकि यूनियन की मान्यता काल समाप्त हो चुकी है।
बैक डोर से इंट्री को लेकर बड़े लेनदेन के एंगल भी देखे जा रहे हैं। सीपीएफ ट्रस्ट में भी पैसे का ही मामला सामने अया था। इसको लेकर यूनियन में गुटबाजी पैदा हुई। फिलहाल, यूनियन नेताओं ने बीएमएस और बीएसपी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर, नियम विरुद्ध कार्य किया गया तो भिलाई का माहौल शांत नहीं रहेगा। सेवा को किसी तरह से भी वसूली का गढ़ नहीं बनने देंगे।