
- सांसद जावेद अली खान ने वित मंत्री से राज्यसभा में प्रश्न किया गया।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government) के लिए अच्छी खबर नहीं है। वेतन और पेंशन को लेकर केंद्र सरकार ने एक और झटका दे दिया है। पेंशन में महंगाई भत्ता यानी डीए/डीआर को जोड़ने की मांग की जा रही है। इसी पर राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा गया कि डीए को मूल वेतन/पेंशन में विलय करने की तैयारी है क्या?
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सांसद जावेद अली खान ने वित मंत्री से प्रश्न किया कि क्या द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 32 वर्षों के दौरान अभूतपूर्व मुद्रास्फीति और हाल ही के वर्षों के दौरान की गई डीए/डीआर की कम गणना को देखते हुए 8वें केंद्रीय वेलन आयोग की रिपोर्ट तैयार होने और अपनाए जाने से पहले अंतरिम राहत के रूप में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के मूल वेतन/पेंशन में 50 प्रतिशत डीए/डीआर को विलय करने का विचार रखती है?
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वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट जवाब दिया कि नहीं…। यानी विलय का कोई प्लान नहीं है। प्रश्न ही नहीं उठता। महंगाई भत्ता (डीए) महंगाई राहत (डीआर) केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को जीवन-यापन की लागत को समायोजित करने और मुद्रास्फीति के कारण उनके मूल वेतन/पेंशन को वास्तविक मूल्य में होने वाले क्षरण से बचाने के लिए दिया जाता है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत श्रम ब्यूरो द्वारा जारी औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर डीए/डीआर की दर हर 6 महीने में समय-समय पर संशोधित की जाती है।
01.01.2016 से सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से अब तक, केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को अभी तक महंगाई भत्ते (डीए) / महंगाई राहत (डीआर) की 15 किस्त प्रदान की गयी हैं।
सरकार के जवाब पर कुछ यूनियनों ने आपत्ति जताई है। कहा-एक गलत जानकारी दी गई है कि श्रम ब्यूरो द्वारा AICPIN (IW) के लिए 6 माह में डीए की दर संशोधित की जाती है, जबकि लेबर ब्यूरो द्वारा तीन माह में AICPIN के आधार पर औद्योगिक श्रमिको के लिए महंगाई भत्ते की दर संशोधित की जाती है।