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Breaking News: SAIL बोनस पर Bokaro Steel Plant से बड़ी खबर, उप मुख्य श्रमायुक्त ने 7 दिन में मांगा जवाब

Breaking News: SAIL बोनस पर Bokaro Steel Plant से बड़ी खबर, उप मुख्य श्रमायुक्त ने 7 दिन में मांगा जवाब

गलत बोनस फॉर्मुला पर उप मुख्य श्रमायुक्त ने लिया संज्ञान।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के बोनस पर बड़ी खबर आ रही है। बोकारो स्टील प्लांट से आ रही खबर कर्मचारियों को राहत देने वाली है।

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बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ द्वारा एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन करने के मामले में श्रम विभाग ने एक्शन लिया है। सेल प्रबंधन द्वारा एकतरफा तरीके से लागू किए गए ASPLIS फॉर्मूला पर मुख्य श्रमायुक्त, उप मुख्य श्रमायुक्त को शिकायत पत्र भेजा था।

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शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए उप मुख्य श्रमायुक्त धनबाद ने बोकारो इस्पात संयंत्र के अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन को 7 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

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वहीं, बीएकेएस भिलाई के द्वारा भी इस मामले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके जवाब में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने जवाब दिया कि एएसपीएलआईएस मामला सेल कारपोरेट कार्यालय स्तर से तय होता है।

भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकार क्षेत्र में उक्त मामला नहीं है। अब सभी की नजर बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन के जवाब पर टिकी है कि वह अपना पक्ष कैसे रखता है।

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गौरतलब है कि सेल प्रबंधन ने वेज रीविजन के पैटर्न पर बोनस फॉर्मूला को भी पांच में से तीन यूनियनों के हस्ताक्षर से बहुमत के आधार पर जारी कर दिया था। जबकि एनजेसीएस संविधान में सिर्फ सभी यूनियनों तथा उसके प्रतिनिधि के बीच आम सहमति का प्रावधान है।

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बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि एनजेसीएस का गठन ही अवैध है। जब औद्योगिक विवाद अधिनियम में स्पष्ट वर्णित है कि कर्मचारियों का निर्वाचित प्रतिनिधि ही उनका प्रतिनिधित्व करेगा तो एनजेसीएस में 25 मे से 20 नेता गैर निर्वाचित कैसे हैं?

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वहीं, जब सभी यूनिट से रिकॉगनाईज्ड यूनियन लीडर का प्रावधान है तो 15 नॉमिनेटेड लीडर किस श्रम कानून के आधार पर एनजेसीएस में भाग लेते हैं?