Breaking News: SAIL के कर्मचारियों का बदला पदनाम, अब कहलाएंगे जूनियर इंजीनियर

  • तीन साल पहले एसोसिएट पदनाम आया था, जिसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसका दूसरा शब्द लेने की बात आई थी।
  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में पदनाम बदलने का आदेश जारी कर दिया गया है। सेल प्रबंधन का सर्कुलर चेहरे पर खुशियां लाया।

अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) में पदनाम बदल दिया गया है। कर्मचारियों की लंबी मांग अब पूरी कर दी गई है। सेल प्रबंधन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। तीन साल पहले एसोसिएट पदनाम आया था, जिसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसका दूसरा शब्द लेने की बात आई थी। इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। अब आदेश जारी कर दिया गया है। जूनियर इंजीनियर पदनाम दिया जा रहा है।

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कर्मचारियों के पुन: पदनाम को पदोन्नति के लिए पात्रता मानदंड में कोई बदलाव किए बिना वर्तमान में संबंधित संयंत्रों/इकाइयों में चल रही गैर-कार्यकारी पदोन्नति नीति (एनईपीपी) की व्यापक शर्तों के भीतर क्लस्टर वार/ग्रेड वार माना जा सकता है।

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पदनाम में संशोधन मूल ग्रेड और क्लस्टर में परिवर्तन के साथ मेल खाएगा। जब ग्रेड में परिवर्तन व्यक्तिगत आधार पर या विस्तारित क्लस्टर के भीतर होता है तो पदनाम में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

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क्लस्टर और अधिक ग्रेडों को शामिल कर विलय

पदनाम में परिवर्तन सामान्यतः क्लस्टर में परिवर्तन सहित पदोन्नति पर लागू होगा। हालाँकि, संयंत्रों/इकाइयों में, जहां क्लस्टरों को अधिक ग्रेडों को शामिल करते हुए विलय कर दिया गया है, संबंधित संयंत्र/इकाइयों द्वारा क्लस्टर के भीतर प्रस्तावित ग्रेड-वार पदनाम पर विचार किया जा सकता है।

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कर्मचारियों के लिए कर्तव्य और जिम्मेदारियां समान रहेंगी

कर्मचारियों के प्रस्तावित संशोधित सामान्य पदनामों को संयंत्र/इकाई द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद लागू किया जाएगा ताकि यह वर्तमान कार्य व्यवस्था को प्रभावित न करे। यानी क्लस्टर के अनुसार गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए कर्तव्य और जिम्मेदारियां समान रहेंगी और वे करेंगे। भविष्य में नई जिम्मेदारियाँ लेने के अलावा कार्यान्वयन के दिन से ठीक पहले जो काम वे कर रहे थे, उसे जारी रखें।

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जानिए क्या पदनाम है…

S1 में भर्ती के समय पदनाम तकनीकी एसोसिएट (प्रशिक्षु)/ऑफिस एसोसिएट (प्रशिक्षु) होगा और S3 ग्रेड में जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट (प्रशिक्षु)/प्रशासनिक एसोसिएट (प्रशिक्षु) होगा। प्रशिक्षण अवधि के समय पदनाम भर्ती के अनुसार ही होगा तथा ग्रेड में प्रशिक्षु के नियमितीकरण के बाद क्लस्टरवार सामान्य पदनाम प्रदान किया जा सकता है।

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E0 एग्जीक्यूटिव को जूनियर ऑफिसर की जगह जूनियर मैनेजर के नाम से जाना जाएगा…

-जिस स्ट्रीम में गैर-कार्यकारी कर्मचारी काम कर रहे है, उसके लिए दिए गए पदनाम के साथ कार्य/अनुशासन का क्षेत्र जोड़ा जा सकता है।

-पदनाम में परिवर्तन केवल पदनामों के नामकरण में परिवर्तन तक ही सीमित रहेगा। वरिष्ठता और पदोन्नति की रेखा में कोई बदलाव नहीं होगा।

-इसका कोई वित्तीय प्रभाव नहीं होगा और यह मौजूदा वेतनमान/क्लस्टर से जुड़ा होगा।

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-माइनिंग मेट, माइनिंग फोरमैन, फायर आदि जैसे वैधानिक पदों के लिए संयंत्र/इकाइयाँ मौजूदा पदनामों के साथ जारी रह सकती हैं।

-प्लांट/यूनिट के निदेशक एल/सी/कार्यात्मक निदेशक को क्लस्टरवार व्यापक जेनेरिक पदनामों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, स्थानीय आवश्यकताओं पर विचार करते हुए, प्लांट/यूनिट स्तर पर पुन: पदनामों के लिए मंजूरी देने का अधिकार होगा। कॉर्पोरेट कार्यालय के मामले में, निदेशक (कार्मिक) अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे।

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-यदि संयंत्र/इकाइयों के सुचारू कामकाज के लिए बाद की तारीख में प्रस्तावित पदनामों में संशोधन की आवश्यकता होती है, तो यह अध्यक्ष, सेल के अनुमोदन से किया जाएगा।

-अनुमोदित नियमों और शर्तों के तहत क्लस्टर/ग्रेड के अनुसार उपरोक्त सामान्य पदनाम को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्लांट/यूनिट स्तर पर लागू किया जा सकता है।

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