- सेकेंड पे-रिवीजन के दौरान 11 महीने का पर्क्स का भुगतान सेल प्रबंधन ने नहीं किया है। सेल बोर्ड की मीटिंग न होने की वजह से पैसा फंस गया था।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (SAIL) के अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। जो अधिकारी रिटायर (Retire) हो चुके हैं, उनका भी ताल्लुक इस खबर से है। 26 नवंबर 2008 से 4 अक्टूबर 2009 की अवधि के लिए पर्क्स का भुगतान न करके मामले में सेल प्रबंधन फंस गया है।
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कोलकाता हाईकोर्ट ने सेल प्रबंधन (SAIL Management) की याचिका को खारिज कर दिया है। अब प्रबंधन को अधिकारियों के खाते में बकाया पर्क्स की राशि डालनी होगी। बताया जा रहा है कि करीब 50 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक की राशि अधिकारियों के खाते में आएगी। अगर, सेल प्रबंधन (SAIL Management) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील कर दी तो और इंतजार करना पड़ सकता है।
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सेफी के चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP Officers Association) के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर का कहना है कि सेकेंड पे-रिवीजन के दौरान 11 महीने का पर्क्स का भुगतान सेल प्रबंधन ने नहीं किया है। सेल बोर्ड की मीटिंग न होने की वजह से पैसा फंस गया था। सेल बोर्ड के तत्कालीन सदस्य विदेश में छुट्टी मना रहे थे, जिसकी वजह से भुगतान नहीं हो सका था।
बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP Officers Association) व सेफी मामले को लेकर कैट (CAT) गया। कैट (CAT) के आदेश क्रमांक O.A./350/00191/2014 दिनांक 15.02.2016 द्वारा SEFI के पक्ष में फैसला आया। इसके खिलाफ सेल प्रबंधन कोलकाता हाईकोर्ट पहुंचा। 2016 से सुनवाई चल रही थी, जिसका फैसला अब आ गया है।
एनके बंछोर (NK Banchhor) के मुताबिक करीब 15 हजार अधिकारियों को सीधेतौर पर फायदा होगा। इनमें से कुछ रिटायर हो चुके हैं। जूनियर मैनेजर को करीब 50 हजार और जीएम स्तर को 3 लाख मिल सकता है।
40 प्रतिशत (40%) पर्क्स नहीं मिलने की कानूनी लड़ाई में जीत मिली है। उस वक्त जिसका 50 हजार बेसिक था, उन्हें 23 हजार रुपए के बजाय 3 हजार हर माह मिलता था। सीधेतौर पर 20 हजार का नुकसान हुआ था। 11 माह का करीब 2 लाख 20 हजार रुपए बकाया था। 30 प्रतिशत टैक्स कटने के बाद करीब डेढ़ लाख तक राशि बनेगी।
सेल (SAIL) की रिट याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। अदालत में स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (Steel Executive Federation of India)-SEFI अधिवक्ता अवरातोष मजूमदार ने बहस की। सेल की ओर से वकील सौम्या मजूमदार ने दलीलें रखीं। भारत सरकार ने भी प्रतिनिधित्व किया।
SEFI ने तत्कालीन सेल प्रबंधन (SAIL Management) द्वारा निर्णय लेने में देरी के कारण 26.11.2008 से 04.10.2009 की अवधि के लिए पर्क्स का भुगतान न करने के मामले के लिए उचित निवारण की मांग की थी।
सेल प्रबंधन (SAIL Management) ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। कैट (CAT) के आदेश को लागू करने के लिए सेफी सेल प्रबंधन और इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) से फिर चर्चा करेगी।