कुछ ऑपरेटिंग अथॉरिटी ने कहा-एक्शन लिया जाता है। इस दावे का सबूत मांगा गया तो लोग बगली झांकने लगे।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के सभी प्लांट और इकाइयों में ठेका मजदूरों का शोषण कोई नई बात नहीं है। हर जगह से आवाज उठती है। प्रबंधन पर सवाल उठाए जाते हैं। ठेकेदारों की मनमानी पर लगाम लगाने की वकालत की जाती है। लेकिन सख्ती जो होनी चाहिए, नहीं होती है। इस धारणा को भिलाई स्टील प्लांट का शीर्ष प्रबंधन तोड़ने जा रहा है।
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बीएसपी के औद्योगिक संबंध विभाग यानी आइआर डिपार्टमेंट के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर ने खुद छापेमारी शुरू कर दी है। बिना किसी को सूचना दिए, अलग-अलग विभागों में पहुंच रहे हैं। ठेका मजदूरों से फीडबैक ले रहे। ठेका मजदूरों ने शोषण की बात बतानी शुरू की।
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पहले दिन ही 50 प्रतिशत से ज्यादा मजदूरों ने दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि ठेकेदार खाते में पूरी रकम डालते हैं। मजदूर घर तक नहीं पहुंच पाते, उससे पहले ही 4 हजार से ज्यादा तक की वसूली कर ली जाती है। यह सुनते ही जीएम के होश उड़ गए।
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जिस विभाग के मजदूरों ने दुखड़ा सुनाया, उसी विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी से भी जीएम ने सवाल-जवाब कर लिया। दो-टूक बोला गया कि जब जीएम औचक निरीक्षण में एक दिन के भीतर दर्जनों केस लेकर चले आए तो आप लोग क्यों खामोश रहते हैं? क्या कार्रवाई करते हैं?
कुछ ऑपरेटिंग अथॉरिटी ने कहा-एक्शन लिया जाता है। इस दावे का सबूत मांगा गया तो लोग बगली झांकने लगे। हिदायत दी गई गई कि लिखित में कार्रवाई करें। अन्यथा उच्च प्रबंधन को एक्शन लेना पड़ जाएगा। इस छापेमारी से ऑपरेटिंग अथॉरिटी के साथ ही ठेकेदारों की मुसीबत भी बढ़नी तय है।
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जानिए किस तरह के फीडबैक मजदूरों से लिए गए
भिलाई स्टील प्लांट के कुछ सक्रिय कर्मचारियों के सामने जीएम आइआर द्वारा द्वारा मजदूरों से सवाल-जवाब किया जा रहा था। जीएम के रवाना होने के बाद जब मजदूरों से कर्मचारियों ने पूछा तो हकीकत सामने आई। बीएसपी कर्मचारियों के मुताबिक सवालों की फेहरिस्त जीएम के हाथ में थी।
मजदूर का नाम, विभाग और पता तक लिखा गया है। कितनी मजदूरी मिलती है, कितनी मजदूरी ठेकेदार वापस लेते हैं, बोनस मिला या नहीं, सेफ्टी के सामान मिले या नहीं, पूरी हाजिरी मिलती है या नहीं…।
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जीएम आइआर ने अपना नंबर मजदूरों को दिया, दबाव बनाने वालों की सूचना दें
शोषण की शिकायत कहां करते हैं? शिकायत करने के बाद कार्रवाई होती है या नहीं? तमाम सवालों का जवाब लेने के साथ ही जीएम ने अपना फोन नंबर तक दिया है। साथ ही मजदूरों से यह भी कहा गया है कि एक महीने के अंदर , अगर, कोई दबाव बनाए तो तत्काल सूचित करें। ठेकेदारों या ऑपरेटिंग अथॉरिटी दबाव बनाने की कोशिश करते हैं तो फौरन जानकारी दें।