
सदस्यता सत्यापन( यूनियन चुनाव) पर स्पष्ट रुख बताए डीएलसी तथा प्रबंधन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट (SAIL – Bhilai Steel Plant) में यूनियन चुनाव को लेकर सीटू और भिलाई अनाधिशासी कर्मचारी संघ ही लगातार आवाज उठा रहा है। बाकी यूनियनों ने चुप्पी साधी ली है। अब बीएकेएस ने डीएलसी और बीएसपी प्रबंधन को अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है।
बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने उप श्रमायुक्त (केंद्रीय) रायपुर तथा भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) को पत्र लिखकर भिलाई इस्पात संयंत्र में यूनियनो के सदस्यता सत्यापन पर अपना रुख स्पष्ट करने का अनुरोध किया है।
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पूर्व में यूनियन द्वारा तीन बार मुख्य श्रम आयुक्त (कें) दिल्ली तथा उप मुख्य श्रमायुक्त रायपुर को संबोधित कर पत्र लिखा गया था।
भिलाई इस्पात संयंत्र में पिछले कार्यकाल (2022-24) में 30.07.2022 को हुए सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से हुए चुनाव में, भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध भिलाई इस्पात मजदूर संघ यूनियन को सर्वाधिक मत मिलने पर, रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का दर्जा दिया गया था।
उस यूनियन का कार्यकाल 25/09/2024 को खत्म हो गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) मे रिकॉगनाईज्ड यूनियन नही होने के कारण गैर कार्यपालक कर्मचारियों से जुड़े अनेक मुद्दे का निराकरण में यूनियन की कोई भूमिका नही रह गई है।
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इसमें वेज रीविजन एमओए, एएसपीएलआईएस (बोनस) फॉर्मूला में सुधार, निलंबित तथा स्थानांतरित कर्मचारियों का मुद्दा, इंसेंटिव रिवार्ड राशि में सशोधन, एनजेसीएस में सुधार के अतिरिक्त अनेकों स्थानीय मुद्दे आदि है।
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यूनियन ने अपने अंतिम पत्र के माध्यम से माँग किया है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के माध्यम से यूनियनों के सदस्यता का सत्यापन कराने हेतु डीएलसी कार्यालय से जो भी कदम उठाए गए हैं, उसकी जानकारी हमारी यूनियन के साथ अविलंब (पत्र मिलने के 15 दिनों के अंदर) साझा किया जाए। समय रहते हुए हमारी यूनियन को आपके कार्यालय से सकारात्मक जबाब नहीं दिया जाता है तो यूनियन न्यायालय के शरण मे जाने के लिए बाध्य होगी।
महासचिव अभिषेक सिंह का कहना है कि यह दुर्भाग्य है कि आजादी के 78वें वर्ष के बाद भी यूनियन राजनीति में अभी तक स्पष्ट गाईडलाईन नही बनाया गया है। जब देश के संसद, राज्य विधानसभाओ के साथ साथ स्थानीय निकाय के चुनाव भी समय पर आयोजित किए जाते है तो यूनियन चुनाव के लिए, पत्र लिखकर माँग करना होता है। जबकि नियोक्ता और श्रम विभाग को स्वतः संज्ञान लेकर चुनाव करवाना चाहिए।
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