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दुनिया की सबसे लंबी रेल पटरी बनाने वाले BSP मजदूरों के AWA के पैसे पर डाका, मजदूरी में भी धांधली

दुनिया की सबसे लंबी रेल पटरी बनाने वाले BSP मजदूरों के AWA के पैसे पर डाका, मजदूरी में भी धांधली
  • अध्यक्ष संजय साहू ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन में स्थाई प्रकृति के कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षण करवाने के बाद 5 साल के बाद अकुशल से, अर्ध कुशल अर्ध कुशल से कुशल एवं कुशल से अति कुशल में पदोन्नत किया जाए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के ठेका मजदूरों का दर्द कम नहीं हो रहा है। हद तो यह है कि एक ही पद पर 30 साल से काम कर रहे हैं। न ही प्रमोशन मिल रहा है और न ही पूरी सुविधाएं। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक से मजदूरों ने अपना दुखड़ा सुनाया है। यूनियन के पास शिकायत आते ही मामला प्रबंधन तक भी पहुंच गया।

सदस्यता अभियान के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र के एचएसएलटी एवं यूआरएम के ठेका श्रमिक ने इंटक यूनियन कार्यालय में आकर यूनियन की सदस्यता ली एवं अपनी समस्या से अवगत कराया। भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन में प्रचालन एवं रखरखाव से लेकर सफाई तक सभी कार्य ठेका श्रमिकों 30 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। लेकिन उन्हें सिर्फ निर्धारित न्यूनतम वेतन ही दिया जा रहा है।

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श्रमिकों की मांग है कि एचएसएलटी, ठेका श्रमिक 30 वर्षों से संयंत्र में कार्य कर रहे हैं। लेकिन आज तक उन्हें अकुशल श्रमिक का दर्जा प्राप्त है, जबकि उनके अनुभव के अनुसार वह पूर्ण तकनीकी दक्षता से रखरखाव एवं प्रचालन एवं अन्य कार्य कर रहे हैं। बीएसपी प्रबंधन एचएसएलटी ठेका श्रमिकों का वार्षिक वेतन वृद्धि से लेकर पदोन्नति तक नहीं होता। राजहरा माइंस की तरह डीपीआर श्रमिकों का दर्जा प्राप्त नहीं है।

ठेका श्रमिकों के प्रशिक्षण पश्चात 5 साल के अनुभव के बाद किया जाए पदोन्नत
अध्यक्ष संजय साहू ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन में स्थाई प्रकृति के कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षण करवाने के बाद 5 साल के बाद अकुशल से, अर्ध कुशल अर्ध कुशल से कुशल एवं कुशल से अति कुशल में पदोन्नत किया जाए, जिससे संयंत्र के रखरखाव एवं प्रचालन में तकनीकी दक्षता एवं अनुभव से कार्य की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी और उत्पादन में भी गुणात्मक सुधार होगा। श्रमिकों का संयंत्र के प्रति समर्पण भी बढ़ेगा।

यूआरएम के ठेका श्रमिकों को नहीं मिल रहा है एडब्ल्यूए
बीएसपी के यूआरएम के श्रमिकों ने अध्यक्ष संजय साहू से शिकायत की अधिकांश ठेका श्रमिकों को बीएसपी द्वारा निर्धारित एडब्ल्यूए की राशि प्रतिमाह 2300 रुपया नहीं दी जाती। मात्र न्यूनतम वेतन ही दिया जाता है। वह भी पूरा नहीं मिलता।

अध्यक्ष संजय साहू ने श्रमिकों की समस्या सुनने के पश्चात बताया कि सेल में 80000 ठेका श्रमिक कार्य कर रहे हैं और सेल प्रबंधन द्वारा अधिकांश कार्य ठेका श्रमिकों द्वारा ही कराया जा रहा है। सेल प्रबंधन ठेका श्रमिकों को नजरअंदाज ना करें। उनके लिए वेतन एवं सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए अलग से एक कमेटी का निर्धारण किया जाए। अन्य समस्याओं पर बीएसपी प्रबंधन से चर्चा की जाएगी। उसका निराकरण किया जाएगा।

बैठक में सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, आर दिनेश, मनोहर लाल, सुरेश कुमार, बसंत चेलक, अशोक कुमार, रामजस, कौशिक, लालाराम, सुरेंद्र कुमार, इंद्रमणि, जयकुमार नारायण, दामन लाल उपस्थित थे।