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CG Elections: Bhilai Steel Plant की संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच का राजनैतिक कार्य में उपयोग, क्या श्रम आंदोलन कमज़ोर

CG Elections: Bhilai Steel Plant की संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच का राजनैतिक कार्य में उपयोग, क्या श्रम आंदोलन कमज़ोर
  • बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय के पक्ष में वोट करने की अपील किया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgrh Assembly Election) में सियासी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दायरा बढ़कर अब श्रमिक संगठनों तक पहुंच गया है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने आरोप लगाया है कि संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच का राजनैतिक कार्य में उपयोग किया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है। इससे श्रम आंदोलन कमज़ोर होगा।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन(BSP Workers Union) राष्टवाद के प्रणेता देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नीतियों का सदैव समर्थक है और देशहित में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

बीएसपी वर्कर्स यूनियन(BSP Workers Union) की बैठक यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता की अध्यक्षता में यूनियन कार्यलय में सम्पन्न हुई। जिसमें सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों का विधानसभा में समर्थन का प्रस्ताव पारित किया गया।

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भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में सयुक्त मोर्चा मात्र श्रमिक हित में आंदोलन के नाम पर बना था। लेकिन इस मंच का राजनैतिक उद्देश्य में उपयोग करना पूर्णत गलत है।

यदि किसी यूनियन को किसी राजनैतिक दल का समर्थन करना भी हो तो अपने फोरम के माध्यम से करें, लेकिन संयुक्त मोर्चे का राजनैतिक उपयोग करने से श्रम आंदोलन कमज़ोर हुआ है और श्रमिक संगठन की एकता खंडित हुई है।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन(BSP Workers Union)  का कहना है कि बायोमेट्रिक, ग्रेच्युटी सिलिंग, सम्मानजनक पदनाम न होने और एनईपीपी लागू करने के लिए एनजेसीएस यूनिक ही जिम्मेदार है, जिसमें से ज्यादातर नेता कांग्रेस विचारधारा और सनातन विरोधी मानसिकता के ही समर्थक हैं। इस कारण कर्मचारी विरोधी इन निर्णय के लिए कांग्रेस पार्टी भी जिम्मेदार है।

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कांग्रेस और वामपंथी की विचार धारा सदैव श्रमिक विरोधी और सनातन विरोधी रही है। 70 साल के राज में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने कभी भी देश के श्रमिक हित में कोई कार्य नहीं किया है। वरन एनजेसीएस जैसी संगठनों का निर्माण कर सेल में भी कर्मचारी विरोधी निर्णयों को लागू करवाया है।

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नियमित के साथ ही ठेका श्रमिकों को भी कांग्रेस ने लगातार शोषण किया है। यहां तक कि कांग्रेस के शासन काल में श्रमिकों को उनके अपने हक के पीएफ जमा राशि निकालने के लिए ठेकेदार को 50% तक राशि देना पड़ता था, पर वर्तमान सरकार ने पीएफ के सारे कार्य को ऑनलाइन कर दिया है।

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जिस कारण आज श्रमिक आज अपना पीएफ राशि बिना किसी राशि खर्च किए निकल सकता है। नियमित कर्मियों के लिए नई पेंशन योजना लागू कर भी कर्मियों को बड़ी राहत प्रदान किया गया है। भाजपा के आने वाले कार्यकाल में एनजेसीएस समिति का री-फॉर्मेशन होना तय है।

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ठीक चुनाव के पहले बीएसपी प्रबंधन लाया बायोमेट्रिक

उज्ज्वल दत्ता ने कहा ठीक चुनाव के पहले बीएसपी प्रबंधन द्वारा बायोमेट्रिक और फेस रीडर लगाने की बात करने के पीछे भी गहरी साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए। जिसके लिए यूनियन ने प्रधानमंत्री और इस्पात मंत्री को पत्र लिखा है।

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एनजेएससी (NJSC) के मध्यम से कर्मचारी हित में कार्य करने में असफलता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर प्रबंधन पर दवाब बनाने के उद्देश्य से भिलाई इस्पात संयंत्र में श्रमिकों के समस्या के निदान के लिए सब को एक होकर संघर्ष की आवश्कता है।

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इसी उद्देश्य से बीएसपी वर्कर्स यूनियन(BSP Workers Union) ने संयुक्त मोर्चा का समर्थन किया था। लेकिन इसमें स्थित कुछ संगठन अपने एजेंडा के तहत राजनैतिक चुनाव में कूद गए और भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने लगी, जबकि इस मोर्चा का गठन मात्र श्रमिक हित के आंदोलन के लिए किया गया था। राजनैतिक बयानबाजी कर मोर्चा ने श्रमिक हित में एक जुट हो रहे श्रम संगठनों की ताकत को कमजोर किया है।

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बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, महासचिव खूबचंद वर्मा, शिव बहादुर सिंह, दिलेश्वर राव, सुरेश सिंह, अमित बर्मन, विमल पांडे, प्रदीप सिंह, संदीप सिंह, मंगेश हरदास, सुभाष महाराणा, राजकुमार सिंह, नितिन कश्यप, कृष्णा मूर्ति, लुमेश कुमार, रविशंकर सिंह, रविन्द्र सिंह, डीपी सिंह, नरसिंह राव, रूपेंद्र नाथ, बेनिराम साहू, प्रवीण यादव उपस्थित थे।

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