- प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में यह भी बताया गया है कि परिवार की संख्या लगभग 20,000 के आसपास है।
- समस्या का निराकरण न होने तक भिलाई इस्पात संयंत्र को कार्रवाई से रोका जाए।
- प्रभावित समाज अथवा व्यापार से जुड़े वर्ग के लोगों की विद्युत कनेक्शन काटे जाने और बेदखली आदेश पर रोक लगे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स भिलाई (Bhilai Steel City Chamber of Commerce Bhilai) के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से अब गुहार लगाई है। ई मेल के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) के नियंत्रण की भूमि पर लीज नवीनीकरण का मामला हल करने की मांग की है। धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक, आवासीय एवं व्यवसायिक भूमि के लीज नवीनीकरण के संदर्भ में संबंधित विभागों को निर्देश देकर समस्या के तत्काल निदान की अपील की है।
स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स (Steel City Chamber of Commerce ) के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन, महासचिव-दिनेश सिंघल, सलाहकार सदस्य-राम कुमार गुप्ता ने बताया कि जिस भूमि का बाजार मूल्य भिलाई इस्पात संयंत्र ने भूमि को लाइसेंस से लीज में परिवर्तित करने के समय एवं भूमि के लीज पद्धति पर आवंटन के वक्त वसूल कर लिया है।
उस भूमि पर वर्तमान समय में लीज नवीनीकरण के दौरान पुनःमांगा जाना न्याय संगत नहीं है। स्टील सिटी चेंबर के पदाधिकारी ने बीएसपी प्रबंधन से कहा है कि अनुबंध की शर्तों के मुताबिक भू भाटक एवं सेवा शुल्क में 50% की बढ़ोतरी कर व्यापारियों की इस समस्या का निदान शीघ्र करें।
चेंबर पदाधिकारी ने पत्र के साथ जिला कलेक्टर दुर्ग, तत्कालीन राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे छत्तीसगढ़ शासन, तत्कालीन सांसद रायपुर रमेश बेस, तत्कालीन इस्पात मंत्री वीरेंद्र सिंह चौधरी को लिखे गए पत्र की प्रति, दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल के द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को लिखे गए पत्र की प्रति, एवं जिलाधीश दुर्ग के कार्यालय में नगर पालिक निगम भिलाई, भिलाई इस्पात संयंत्र और चेंबर पदाधिकारी के मध्य संपन्न बैठक का विवरण पत्र भेजते हुए प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि विगत 10 -12 वर्षों से लंबित इस प्रकरण का निराकरण हर स्तर पर किया जाना चाहिए, ताकि विगत 50-55 वर्षों से निवासरत शहर वासियों को राहत मिल सके।
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में यह भी बताया गया है कि सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक एव एवं सह-आवासीय भवनों में निवासरत प्रभावित परिवार की संख्या लगभग 20,000 के आसपास है। इसका विरोध सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी किया जा रहा है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जब तक समस्या का निराकरण न हो भिलाई इस्पात संयंत्र को निर्देश जारी किया जाए कि किसी भी प्रभावित समाज अथवा व्यापार से जुड़े वर्ग के लोगों की विद्युत कनेक्शन काटे जाने और बेदखली आदेश दिए जाने संबंधी आदेश पर रोक लगाया जाए।