इसरो के सामग्री और विनिर्माण इकाई, एलपीएससी के उप निदेशक पी मरुदाचलम की ओर से सेल सेलम स्टील प्लांट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है।
अज़मत अली, भिलाई। इस वक्त दुनिया की नजर चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है। देश का नाम दुनिया भर में रोशन हो रहा है। इस मुहिम में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority Of India Limited) के सेलम स्टील प्लांट का भी योगदान है। सेलम निर्मित स्पेशल स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इसरो ने बकायदा सेलम स्टील प्लांट प्रबंधन को पत्र लिखकर चंद्रयान 3 मिशन में योगदान के लिए सराहना की है।
इसरो के सामग्री और विनिर्माण इकाई, एलपीएससी के उप निदेशक पी मरुदाचलम की ओर से सेल सेलम स्टील प्लांट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है। इसरो की तरफ से पत्र में लिखा गया है कि चंद्रयान-3 मिशन के अवसर पर 2.3 मिमी की ICSS-1218-321 कोल्ड रोल्ड शीट की सफल आपूर्ति के लिए आपके और आपकी टीम द्वारा दिए गए तकनीकी समर्थन काबिल-ए-तारीफ है। इसने प्रतिष्ठित चंद्रयान 3 मिशन के लिए LVM-3 M4 उड़ान के CE20 इंजन के थ्रस्ट चैंबर में सफलतापूर्वक उड़ान भरी है।
उपरोक्त सामग्री के निर्माण में दक्षता और आवश्यक गुणवत्ता प्रोटोकॉल के साथ आपूर्ति में तत्परता को ध्यान में रखते हुए, एलपीएससी/इसरो प्रदान की गई सेवाओं को स्वीकार करता है और उनकी सराहना करता है।
बता दें कि सेल के जिस सेलम स्टील प्लांट को केंद्र सरकार बेचने जा रही है, वही भारत का नाम दुनियाभर में कर रहा है। सेलम स्टील प्लांट के साथ कनार्टक के विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट और पश्चिम बंगाल के अलॉय स्टील प्लांट का डिसइंवेस्टमेंट होना है। साल 2016 से सरकार इसकी मुहिम में जुटी हुई है। तीनों प्लांट के कर्मचारी और ट्रेड यूनियनें सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं।
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अब देखना यह है कि ये तीनों प्लांट कब तक सेल की इकाई के रूप में रहते हैं। अगर, इनकी बिक्री हुई तो इनका अस्तित्व सेल से समाप्त हो जाएगा। किसी प्राइवेट कंपनी का हिस्सा बन जाएंगे। फिलहाल, देश की रक्षा और अंतरिक्ष मिशन के लिए जरूरत स्टील की सप्लाई इन्हीं स्टील प्लांट से किया जा रहा है।