पहली बार ‘बाबूजी’ के बगैर लड़ना होगा चुनाव, किस्मत दांव पर, टांग खींचने वाले कम नहीं…

  • कांग्रेस के दिवंगत राष्ट्रीय नेता मोतीलाल वोरा का गृह नगर दुर्ग रहा है। दो बार से यहां उनके बेटे अरुण वोरा MLA चुनकर आ रहे है।

अंशुल तिवारी, भिलाई। आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सहित देश के करीब आधा दर्जन राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के चुनावी माहौल में देश भर की नजर है, तो वहीं प्रदेश की कुछ ऐसी विधानसभा सीट (Assembly Seat ) है, जहां सभी की निगाहें जमी हुई है।

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इसमें सबसे खास दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र (Durg city assembly constituency )। दरअसल कांग्रेस के दिवंगत राष्ट्रीय नेता मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का गृह नगर दुर्ग रहा है। दो बार से यहां उनके बेटे अरुण वोरा MLA चुनकर आ रहे है। राजनीति के जानकारों की माने तो हर चुनाव में मोतीलाल वोरा दिल्ली से दुर्ग तक डटे रहते थे। अपने पुत्र के लिए चुनावी रणनीति बनाने से लेकर जमीनी प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे है।

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2021 में मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का निधन हो गया। वहीं, अब अरुण वोरा को चुनावी रणनीति में खासा परेशानी होगी। अंदरखाने चर्चा की मानें तो अरुण वोरा (Arun Vora) को टिकट के लिए जूझना पड़ सकता है तो वहीं सबसे आम चर्चा है कि इस बार बगैर बाबूजी के चुनावी तैयारी में अरुण वोरा को परेशानी होगी।

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बाबूजी के बिना चुनावी तैयारी पूरी करने में पसीना छूट सकता है। वोरा समर्थकों द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि चुनाव अरुण ही जीतें…। जबकि दूसरे गुट के लोगों द्वारा अरुण के बजाए अपने नेता को टिकट मिलने की सांगठनिक कोशिश करने के साथ ही जमीनी माहौल भी बनाया जा रहा है।

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बाकी यह तो कांग्रेस संगठन (Congress Group) द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट से ही स्पष्ट हो पाएगा। साथ ही चुनाव के वक्त पूरी पिक्चर क्लियर होगी कि कांग्रेस संगठन से लेकर यहां के दिग्गज पार्टी को यहां से जीत दिलवा पाते हैं या हार का सामना करना पड़ सकता है…।

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तीन बार रह चुके है MLA

वर्तमनान MLA अरुण वोरा (Arun Vora) दुर्ग सीट से छह बार चुनाव लड़ चुके है, जिसमें उन्हें तीन बार जीत और तीन बार हार का सामना करना पड़ा है। 1972 से लेकर 1992 तक मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) के पास यह सीट रही। 1993 से अरुण वोरा चुनाव लड़ रहे हैं। 1998, 2005, 2008 में चुनाव हारे थे।

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दुर्ग शहर सीट में 28 प्रतिशत साहू, 14 प्रतिशत देवांगन, 16 प्रतिशत सतनामी, 18 प्रतिशत यादव मतदाता हैं। शहरी विधानसभा सीट है। सभी जाति-धर्म के लोग यहां रहते हैं। 52 साल से वोरा परिवार को ही टिकट मिल रहा है।

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वोरा परिवार के खिलाफ टिकट मांगने वाले कम नहीं

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व यूपी के पूर्व राज्यपाल स्व. मोतीवाल वोरा (Late Motilal Vora) के बेटे अरुण वोरा (Arun Vora) के खिलाफ कांग्रेस के 5 बार के पार्षद मदन जैन, राजेश यादव (Rajesh Yadav) (सभापति, नगर पालिक निगम,दुर्ग) समेत कई दिग्गज व सक्रिय कार्यकर्ताओं ने टिकट मांग लिया है।

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