- सीटू के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद तपन सेन, एसडब्ल्यूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्र ने सेल के डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह को धमकी भरा पत्र लिखा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited)-सेल (SAIL) में हालात अच्छे नहीं दिख रहे हैं। बोनस विवाद गहराता जा रहा है। सेल प्रबंधन (SAIL Management), एनजेसीएस (NJCS) और कर्मचारियों के बीच कम्युनिकेशन गैप (Communication Gap) खतरनाक मोड़ ले रहा है।
एनजेसीएस (NJCS) को नजर अंदाज कर प्रबंधन ने कर्मचारियों के खाते में 23 हजार रुपए बोनस के रूप में डाल दिया है। इसको लेकर सीटू सहित सभी यूनियन लीडर (Union Leader) भड़क गए हैं। सीटू के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद तपन सेन, एसडब्ल्यूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्र ने सेल के डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह को धमकी भरा पत्र लिखा है।
प्रबंधन को साफ शब्दों में बोल दिया गया है कि सेल प्रबंधन का रवैया आक्रोशित करने वाला है। औद्योगिक अशांति फैलती है तो इसका जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि डायरेक्टर पर्सनल ही होंगे।
सीटू की तरफ से लिखी गई चिट्टी को लेकर प्रबंधन भी तनाव में आ गया है। सेल (SAIL) के सभी प्लांट में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हड़ताल पर जाने की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी है। प्लांट स्तर पर फीडबैक (Feedback) तक एनजेसीएस के केंद्रीय नेताओं (Central leaders of NJCS) को भेज दिया गया है। अब सीटू की धमकी निश्चित रूप से कोई गुल खिलाएगी।
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सीटू के धमकी भरे पत्र पर सूचनाजी.कॉम ने ललित मोहन मिश्र से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रबंधन बहुमत के नाम पर कर्मचारियों का हक मार रहा है। जिस फॉर्मूले के आधार पर 23 हजार रुए दिया गया है, वही गलत है।
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इसलिए जल्द बैठक बुलाकर नए सिरे से बोनस (Bonus) की राशि तय की जाए। फैसला होने के बाद बची हुई राशि का भुगतान किया जाए। अन्यथा कर्मचारी कुछ भी फैसला ले सकते हैं। इसके लिए सेल प्रबंधन ही जिम्मेदार होगा।
सेल प्रबंधन (SAIL Management) ने जिस फॉर्मूला (Formula) का सहारा लेकर भुगतान किया है, उसमें कर्मचारियों का कंट्रीब्यूशन (Contribution) तक नहीं दिया गया है। प्रोडक्शन बढ़ा, टर्न ओवर बढ़ा, बावजूद इसको नजर अंदाज कर दिया गया है। एकतरफा फैसला लेकर भुगतान करके प्रबंधन ने आग में घी डाल दिया है। इसलिए सेल प्रबंधन एनजेसीएस मीटिंग बुलाए। सबको साथ लेकर वास्तविक बोनस दिया जाए।