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वाणिज्य मंत्रालय देश के जिलों से निर्यात को बढ़ावा देने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ, अमेजन से MoU साइन

वाणिज्य मंत्रालय देश के जिलों से निर्यात को बढ़ावा देने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ, अमेजन से  MoU साइन
  • एमएसएमई को ई-कॉमर्स मंच का लाभ उठाने में सहायता करने के लिए ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल शुरू की गई है
  • साल 2030 तक 1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य की दिशा में पर्याप्त प्रगति होगी।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) देश के जिलों से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स (E-commerce) कंपनियों के साथ सहभागिता करेगा। भारत सरकार (Indian Govt) के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सक्षम करने और देश से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सहयोग कर रहा है।

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इस पहल का उद्देश्य निर्यात केंद्र के रूप में जिलों का लाभ उठाना और देश से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देना है। विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ इस तरह के पहले सहयोग के रूप में डीजीएफटी ने अमेजन इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

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इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के एक हिस्से के तहत अमेजन और डीजीएफटी विदेश व्यापार नीति- 2023 में उल्लिखित निर्यात केंद्र पहल के अधीन डीजीएफटी द्वारा चिह्नित जिलों में चरणबद्ध तरीके से एमएसएमई के लिए क्षमता निर्माण सत्र, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का सह-आयोजन करेंगे।

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इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और सुदूर जिलों के स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ना है। इसके अलावा इस सहभागिता का उद्देश्य निर्यातकों/एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों को अपने ‘भारत में निर्मित’ उत्पाद बेचने में सक्षम बनाना है।

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इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के दौरान संतोष सारंगी (अतिरिक्त सचिव व महानिदेशक, डीजीएफटी), चेतन कृष्णास्वामी (उपाध्यक्ष, सार्वजनिक नीति- अमेजन) और भूपेन वाकणकर (निदेशक वैश्विक व्यापार- मेजन इंडिया) उपस्थित थे।

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इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य संभावित अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने में स्थानीय निर्यातकों, निर्माताओं और एमएसएमई को सहायता देने के लिए ई-कॉमर्स मंचों का लाभ उठाना है। यह साझेदारी विदेश व्यापार नीति- 2023 के अनुरूप है, जो भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स को प्रमुख क्षेत्र के रूप में चिह्नित करती है।

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इस सहभागिता के तहत पूरे भारत में विभिन्न क्षमता निर्माण और आउटरीच गतिविधियों को शुरू करने के लिए डीजीएफटी-क्षेत्रीय प्राधिकरणों के सहयोग से विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियां जिलों की पहचान करेगी। ये गतिविधियां ई-कॉमर्स निर्यात पर एमएसएमई को शिक्षित करने और उन्हें पूरे विश्व के ग्राहकों को बेचने में सक्षम बनाने पर केंद्रित होंगी।

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इसके अलावा क्षमता निर्माण सत्र से एमएसएमई को इमेजिंग, अपने उत्पादों की डिजिटल कैटलॉगिंग, कर सलाहकार सहित अन्य के बारे में सीखने की सुविधा प्राप्त होगी। इससे भारतीय उद्यमी अपने ई-कॉमर्स निर्यात व्यवसाय और वैश्विक ब्रांड को स्थापित कर सकते हैं। अमेजन इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन के तहत ऐसे क्षमता निर्माण और हैंड होल्डिंग सत्रों के लिए 20 जिलों की पहचान की गई है।

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डीजीएफटी ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के तहत देश के अन्य जिलों में भी इसी तरह की सहभागिता के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ चर्चा कर रहा है। इनमें फ्लिपकार्ट/वॉलमार्ट, ई-बे, रिवेक्सा, शॉपक्लूज, शिपरॉकेट और डीएचएल एक्सप्रेस आदि हैं।

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यह नए और पहली बार निर्यात करने वाले व अन्य एमएसएमई उत्पादकों को भारत से निर्यात करने के संबंध में प्रोत्साहित करने के लिए डीजीएफटी के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा, यह साल 2030 तक 1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य की दिशा में पर्याप्त प्रगति होगी।

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