EPFO में भ्रष्टाचार: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निरीक्षक, नोटरी, अधिवक्ता, वरिष्ठ सहायक संग 5 को सजा, 24 लाख का जुर्माना

Corruption in EPFO Inspector of Employees Provident Fund Organization and 5 others including notary advocate senior assistant sentenced

निरीक्षक महेंद्र कुमार गुप्ता के अलावा मध्य प्रदेश वित्तीय निगम लिमिटेड के जिला सागर की तत्कालीन वरिष्ठ सहायक, नोटरी और अधिवक्ता संग 5 को सजा।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में भ्रष्टाचार की आवाज अक्सर उठती रहती है। देश के पेंशनभोगी अपनी पेंशन की राशि को लेकर परेशान हो रहे हैं। कहीं न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए आंदोलन हो रहे हैं तो कहीं हायर पेंशन पर आवाज उठ रही है। वहीं, भ्रष्टाचार का खेल भी खेला जा रहा है। सीबीआई की घेराबंदी से ईपीएफओ के एक निरीक्षक को दबोचा गया और अब सजा हो गई है।

सीबीआई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तत्कालीन निरीक्षक, मध्य प्रदेश वित्तीय निगम लिमिटेड के तत्कालीन वरिष्ठ सहायक और 3 अन्य सहित 5 आरोपियों को कुल 24,29,933 रुपये के जुर्माने के साथ 2-4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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सीबीआई मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश, जबलपुर ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) सागर के तत्कालीन निरीक्षक महेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ एम. के. गुप्ता; मध्य प्रदेश वित्तीय निगम लिमिटेड, जिला सागर की तत्कालीन वरिष्ठ सहायक उषा गुप्ता (आरोपी एम. के. गुप्ता की पत्नी), नोटरी बलराम पाटकर, अधिवक्ता अरविंद सिंह राजपूत और सागर जिले के नोटरी देवी दास दुबे सहित पांच आरोपियों को 2-4 साल के कठोर कारावास (आरआई) के साथ कुल 24,29,933 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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आरोपी महेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ एमके गुप्ता, तत्कालीन निरीक्षक, ईपीएफओ सागर को 04 वर्ष के कठोर कारावास तथा 23,90,933 रुपए का जुर्माना, आरोपी उषा गुप्ता को 04 वर्ष के कठोर कारावास तथा 28,500 रुपए का जुर्माने की सजा हुई है।

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परिवार के सदस्यों के नाम पर इतनी संपत्ति 

इसी तरह तीन आरोपियों बलराम पाटकर, नोटरी, अरविंद सिंह राजपूत, अधिवक्ता तथा देवी दास दुबे, नोटरी, जिला सागर को 02 वर्ष के कठोर कारावास तथा कुल 10,500 रुपए का जुर्माना लगाया गया।

सीबीआई ने महेंद्र कुमार गुप्ता, तत्कालीन निरीक्षक, ईपीएफओ, उप क्षेत्रीय कार्यालय, सागर के विरुद्ध जनवरी, 2001 से अप्रैल, 2011 की अवधि के दौरान उनके तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 24,86,883 रुपए की अनुपातहीन संपत्ति रखने के आरोप में 13.05.2011 को वर्तमान मामला दर्ज किया था।

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दालत ने सुनवाई के आरोपियों को दोषी पाया

जांच पूरी होने के बाद 30.08.2012 को विशेष न्यायाधीश सीबीआई मामलों की अदालत, जबलपुर में उपरोक्त 05 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद उपरोक्त आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश ने 23,87,433/- रुपए की डी.ए. राशि जब्त करने का आदेश भी पारित किया है।