- स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के कार्यकारिणी की बैठक में उठाया गया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plat) में 15 वर्षों तक एचएससीएल के माध्यम से कार्य किये ठेका श्रमिकों का अंतिम भुगतान अटक गया है। करोड़ों रुपए एचएससीएल प्रबंधन ने अपने अकाउंट में रखा है, लेकिन ठेका श्रमिकों को उसका अंतिम भुगतान नहीं कर रहा है।
ठेका श्रमिकों के अंतिम भुगतान करने की जवाबदारी एचएससीएल की है। लेकिन वह अपने जवाबदारी से बच रहा है और ठेका श्रमिकों का अंतिम भुगतान नहीं कर रहा है। यह मुद्दा स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के कार्यकारिणी की बैठक में उठाया गया।
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स्टील ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू ने कहा कि अंतिम भुगतान को लेकर एचएससीएल प्रबंधन से संपर्क किया गया, लेकिन एचएससीएल महाप्रबंधन के अड़ियल रवैया के कारण यह मामला कई वर्षों से लंबित है।
इस विषय पर भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी को भी पत्र लिखा गया और उनके संज्ञान में लाया गया। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया।
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एचएससीएल को लेबर सप्लाई का ठेका बंद करे बीएसपी
भिलाई इस्पात संयंत्र अपने उत्पादन एवं संयंत्र को चलाने के लिए अभी भी एचएससीएल के माध्यम से लेबर सप्लाई का ठेका दे रही है, जबकि एचएससीएल भारत सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का कंस्ट्रक्शन कंपनी है। एचएससीएल के माध्यम से कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों का निर्धारित ईपीएफ की राशि भी जमा नहीं की जाती।
बोनस भी श्रमिकों को कम मिलता है और अंतिम भुगतान भी नहीं होता। इसकी आईआर क्लीयरेंस एचएससीएल ही करता है। इस विषय में भिलाई इस्पात संयंत्र कोई कार्रवाई नहीं करता। एचएससीएल को दिए गए ठेका का भी आईआर क्लीयरेंस भिलाई इस्पात संयंत्र के द्वारा होना चाहिए, जिससे श्रमिकों के साथ न्याय हो सके।
एचएससीएल प्रबंधन का किया जाएगा घेराव
संजय साहू का कहना है कि एचएससीएल प्रबंधन के रवैया के कारण ही श्रमिक अपने हक के करोड़ों रुपए के लिए 8 साल से चक्कर लगा रहे हैं। एचएससीएल प्रबंधन इस विषय को कोर्ट में उलझाना चाहती है जिससे श्रमिकों में काफी आक्रोश है। अब जमीनी लड़ाई लड़ी जाएगी और एचएससीएल प्रबंधन का घेराव किया जाएगा।
बैठक में यूनियन के ये सदस्य रहे मौजूद
बैठक सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, मनोहर लाल, आर दिनेश, सुरेश श्याम कुवर, गुरुदेव साहू, जसबीर सिंह, रिखीराम साहू, कोला राजू, संतोष ठाकुर, डीपी खरे, जयराम ध्रुव, शिव शंकर साहू, सुरेश दास टंडन, कान्हा नारायण, दमन लाल, बलराम वर्मा, कुलेश्वर, ओमप्रकाश देवांगन, दाऊलाल, नेमीचंद एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।