ओए का कहना है कि चढ़ावे से लेकर पुजारियों की नियुक्ति तथा उनके चरित्र सत्यापन आदि की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण मंदिर परिसर में निरंतर अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं रिसर्च सेन्टर के परिसर में प्राचीन हनुमान मंदिर को लेकर नया अपडेट आ गया है। मंदिर के समीप विद्युत सब स्टेशन और ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की जमीन पर डोम शेड का निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा है। इसको लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच मंदिर के संचालन के लिए ट्रस्ट बनाने की आवाज उठ गई है। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन ने इस धार्मिक संस्थान के सुचारू संचालन के लिए ट्रस्ट बनाने की मांग डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता से किया है।
इस ट्रस्ट के निर्माण में आफिसर्स एसोसिएशन, सेवानिवृत्त अधिकारी संघ, विभिन्न श्रम संघों के प्रतिनिधियों तथा भिलाई-दुर्ग पदस्थ राजपत्रिक अधिकारियों को शामिल कर मंदिर ट्रस्ट का गठन किया जाए।
ओए अध्यक्ष एनके बंछोर ने कहा कि यह भिलाई का एक महत्त्वपूर्ण आस्था का केन्द्र रहा है। यह मंदिर भिलाई इस्पात संयंत्र के भूमि व परिसर में स्थित होने के कारण इसका सुचारू संचालन के लिए बीएसपी प्रबंधन का दखल आवश्यक हो गया है। जिससे इस मंदिर का अनुशासित संचालन तथा सुव्यवस्थित परिचालन की व्यवस्था की जा सके।
यह हनुमान मंदिर भिलाई के हजारों परिवार तथा अस्पताल के मरीजों का तथा उनके परिजनों का आस्था का केन्द्र है। वर्तमान में इसके संचालन की कोई नियमित व्यवस्था नहीं है और यहां पर आने वाले चढ़ावे से लेकर पुजारियों की नियुक्ति तथा उनके चरित्र सत्यापन आदि की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण मंदिर परिसर में निरंतर अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है।
इसके अतिरिक्त अस्पताल का यह साइलेंट जोन होने बावजूद कई बार डीजे व लाउड स्पीकर जैसे ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। जिसका खामियाजा अस्पताल में भर्ती मरीजों को तथा यहां आने वाले दर्शनार्थियों को उठाना पड़ता है। इसके साथ ही इसके आय-व्यय का कोई आडिट नहीं होने के कारण यह कुछ लोगों के लिए यह धन दोहन का साधन बन चुका है।
विदित हो कि भिलाई टाउनशिप में स्थित मंदिरों व धार्मिक संस्थानों का संचालन पंजीकृत समितियों व ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। अतः इस मंदिर का संचालन भी ट्रस्ट द्वारा किया जाना चाहिए। जिससे इसकी व्यवस्था को शासन, प्रशासन व श्रद्धालुओं हेतु जिम्मेदार बनाया जा सके। इसके साथ ही वर्तमान में यहां पूजा करने वाले पुजारियों का वेरिफीकेशन भी कराया जाए। इन पुजारियों की संपूर्ण जानकारी बीएसपी प्रबंधन के पास भी उपलब्ध हो।